नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को 'प्रेशर कुकर' को लोकसभा चुनाव चिन्ह के रूप में टीटीवी दिनाकरन की अध्यक्षता वाले संगठन के दावे को स्वीकार करने से मना कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को तमिलनाडु और पुडुचेरी में आगामी लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिए दिनाकरन की अध्यक्षता वाले संगठन के प्रत्याशी को अन्य चुनाव चिन्ह देने पर विचार करने का भी निर्देश जारी किए हैं।
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यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने सुनाया। इसमें उपस्थित न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने कहा है कि यह सिर्फ चुनाव आयोग का कर्तव्य और अधिकार है, जो कि एक सियासी दल के रूप में दिनाकरन के संगठन को रजिस्टर्ड प्रदान करने पर विचार करे। यह पोल पैनल द्वारा सही ढंग से किया जाए।
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इससे पहले 15 मार्च को प्रमुख न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने भारतीय निर्वाचन आयोग को दिनाकरन की सीमित याचिका पर एक नोटिस जारी करते हुए कहा था कि उन्हें "प्रेशर कुकर" के सामान्य चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति दी जाए। दिनाकरन गुट की तरफ से शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि निर्वाचन आयोग उन्हें एक सामान्य उपयोग नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने "प्रेशर कुकर 'को पार्टी के लिए एक सामान्य सिम्बल के रूप में आवंटित करने का निर्देश जारी किए हैं।
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