देहरादून, बीते वर्ष 2019 में 16 फरवरी को सरहद की रक्षा करते हुए शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे. वहीं शहादत की बसरी पर नम आंखों से बेटे को याद कर पिता एसएस बिष्ट ने कहा कि बेटा देश की हिफाजत करते हुए शहीद हुआ है, इसका उन्हें गर्व है, लेकिन आखिर कब तक यूं ही हमारे बेटे शहीद होते रहेंगे. वहीं पाकिस्तान वह कैंसर है, जो नासूर बन चुका है. जंहा इसका इलाज जरूरी हो गया है, ताकि वह फिर से जख्म न दे सके.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि मेजर चित्रेश की शहादत की खबर उस समय आई जबकि उनके घर पर शादी की तैयारियां चल रही थीं. क्योंकि मेजर चित्रेश की शादी सात मार्च 2019 को होनी थी. शादी के कार्ड भी बंट चुकेथे. इससे पहले दून का यह लाल देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया. मेजर चित्रेश को मरणोपरांत सेना मेडल (गैलेंट्री) मिला है जो कि सेना दिवस पर सेना प्रमुख से उनके पिता ने प्राप्त किया था.
मोइली जानकारी के अनुसार शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट दून के ओल्ड नेहरू कॉलोनी के रहने वाले थे. पिछले वर्ष 16 फरवरी को राजौरी के नौसेरा सेक्टर में हुए आईईडी ब्लास्ट में वह शहीद हो गए थे. आतंकियों ने एलओसी क्रॉस कर यहां पर ई-प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाया हुआ था. सूचना मिलने पर सैन्य टुकड़ी ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया. वह इंजीनियरिंग कोर में तैनात थे और उन्हें आईईडी डिफ्यूज्ड करने में महारत हासिल थी, लेकिन इसी बीच आईईडी ब्लास्ट होने से वह शहीद हो गए.
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