चंडीगढ़: महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ते आपराधिक मामलों पर शिकंजा कसने के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार ने एक नई मुहीम चलाई है. इसके तहत जो पुलिस अफसर, रसूखदारों और दबंगों को बचाने के चलते दुष्कर्म और छेड़छाड़ की शिकायतें दर्ज नहीं करते हैं, उन्हें अब सरकार द्वारा निलंबित किया जाएगा. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने एक बैठक में रेंज आइजी, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों को इसके लिए निर्देश दिए हैं कि महिलाओं को मामला दर्ज करवाने में कोई दिक्कत नहीं आना चाहिए.
ये सब राज्य के मुखयमंत्री मनोहर लाला खट्टर के नेतृत्व में हो रहा है. मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में दोषी लोगों को अब हथियार व ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलेंगे, यही नहीं उनकी वृद्धावस्था और दिव्यांग पेंशन जैसी सुविधाएं भी नहीं दी जाएंगी. डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार दुष्कर्म मामले की जांच 1 महीने के अंदर और छेड़छाड़ की जांच 15 दिनों में पूर्ण हो जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बरती जाती है तो विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी. डीजीपी ने अधिकारीयों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है.
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