मुंबई: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार जल्द ही बच्चों के संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए उनकी देखरेख संबंधी नीति लागू करने जा रही है। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने इस संबंध में जानकारी दी है। मंत्री ने कहा कि यह पालक देखभाल नीति केवल अनाथ बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि उन बच्चों के लिए भी होगी, जिन्हें देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता है। चूंकि हर बच्चे को परिवार में देखभाल की आवश्यकता होती है, साथ ही यह उसका अधिकार भी होता है। इसलिए यह नीति एक ऐसा कार्यक्रम है, जहां बच्चे को कुछ वक़्त के लिए एक घर मुहैया कराया जाता है।
यशोमति ठाकुर ने कहा कि इस नीति के तहत, बच्चों का पालन-पोषण करने वाले अभिभावकों का चयन उनकी क्षमता, मंशा, सामर्थ्य और बच्चों की देखरेख करने के पूर्व अनुभव के आधार पर किया जाएगा। चयनित परिवारों को बच्चों की आवश्यकताओं एवं अधिकारों को पूरा करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पालक परिवार स्थायी नहीं होगा और उसका बच्चे पर कोई न्यायिक अधिकार नहीं होगा। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में गाइडलाइन पहले ही तैयार कर ली गईं हैं और विभिन्न हितधारकों के उचित प्रशिक्षण के बाद इसका क्रियान्वयन जल्द ही आरंभ किया जाएगा।
उन्होंने कहा है कि, 'बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण बेहद अहम है। यह नीति मुंबई उपनगरीय इलाकों, सोलापुर, पुणे, पालघर और अमरावती में ट्रायल के तौर पर लागू की जाएगी।' जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला स्तरीय समिति पालक अभिभावकों की फेहरिस्त बनाएगी और इस बाबत रिपोर्ट सौंपेंगी कि वे बच्चे को देखभाल देने के लिए उचित हैं या नहीं।
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