नई दिल्ली: भारत दुनिया के कई देशों से चिकित्सा उपकरण, टेस्टिंग किट और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) खरीदकर कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के कई विकल्पों पर काम कर रहा है. सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि चीन के गोंगझाउ हवाई अड्डे से गुरुवार को कोरोना वायरस के इलाज में उपयोग होने वाली किट्स की खेप भारत पुहंची. इस खेप में 650,000 टेस्टिंग किट्स शामिल हैं. हालाँकि अब सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि चीन से भले ही टेस्टिंग किट आ रहे हैं, किन्तु चीन से पीपीई की खरीद नहीं की जाएगी. बताया जा रहा है कि चीन के कई PPE खराब निकले हैं और मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं.
चीन से भारत के लिए आई इस खेप में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट और RNA एक्सट्रैक्शन किट्स भी शामिल हैं. सूत्र ने बताया है कि, 'इन प्रयासों के तहत, रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट्स (गुआंगझोउ वोंडफो से पहली दफा 3 लाख और झुहाई लिवज़ोन से 2.5 लाख) और RNA एक्सट्रैक्शन किट (एमजीआई शेन्ज़ेन से 1 लाख), भारत पहुंची है. यानी कुल 6.5 लाख किट गुरुवार को भारत आई. बीजिंग में हमारे दूतावास और गुआंगझोउ में वाणिज्य दूतावास ने इसमें अहम् भूमिका निभाई.
सूत्र ने बताया कि दक्षिण कोरिया से भी टेस्टिंग किट भारत आ रही है. सूत्रों के अनुसार इस सिलसिले में ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, अमेरिका, मलेशिया, जर्मनी और जापान से भी कोटेशन मिले हैं. अन्य देशों को महामारी से लड़ने में सहायता करने के लिए, भारत ने उन देशों की तीन सूचियों का एक सेट तैयार किया जिन्हें मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई की जानी है.
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