कोरोना की दवा पर आज दो बड़ी खबर सामने आई हैं. रूस की डिफेंस मिनिस्ट्री ने जो दवा बनाई है. उसका परीक्षण अतिंम दौर में चल रहा है. दवा जिन्हें दी गईं है. उनमें वायरस के प्रति इम्यूनिटी डेवलप होती नजर आ रही है. साथ ही, दूसरी ओर, चीन की झिफेई ने अपनी कोरोना दवा के फेज 2 परीक्षण करना प्रारंभ कर दिया है. कंपनी ने 3 सप्ताह पहले ही क्लिनिकल परीक्षण प्रारंभ किया है. कोरोना दवा निर्माण के सिलसिले में चीन सबसे व्यापक स्तर पर प्रयास कर रहा है. उसका विश्व के 19 लीडिंग कार्यक्रम में से कम से कम 6 में हिस्सेदारी है. भारत में बनाई गई कोरोना दवा COVAXIN का इंसानी ट्रायल जल्द प्रारंभ होने वाला है. उससे पहले दवा के बैच की पड़ताल CDL कसौली में चल रही है.
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विदित हो कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) - नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक के सहयोग से COVAXIN नाम से कोविड दवा तैयार की है. इसके क्लिनिकल ट्रायल को सरकार की इजाजत मिल गई है. फिलहाल वालंटियर्स का एनरोलमेंट किया जा रहा है. लेकिन इस दवा के बैच CDL कसौली में जांच किए जा रहे हैं ताकि जनता को दिए जाने से पहले उनकी सुरक्षा, शुद्धता, पोटेंसी और स्टेबिलिटिी को समझा जा सके.
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पड़ोसी मुल्क चीन की फार्मा कंपनी Zhifei ने दवा का फेज 2 का परीक्षण प्रारंभ कर दिया है. कंपनी ने इसके अलावा बताया था कि फेज 1 परीक्षण 21 जुलाई तक समाप्त होगा. उसने फेज 1 परीक्षण के डिजाइन या परिणाम को लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी है. Zhifei की दवा चीन की उन आठ दवा में से एक हैं जिनका इंसानों पर परीक्षण जारी है.
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