क्या एक दिन समाप्त होगा कोरोना वायरस या जीना पड़ेगा ऐसे ही..?
क्या एक दिन समाप्त होगा कोरोना वायरस या जीना पड़ेगा ऐसे ही..?
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कोरोना संकट और लॉकडाउन के चौथे चरण के समापन पर हैं, हमें अपनी आदतों में बदलाव कर लेना चाहिए. कारण यह है कि जिंदगी आगे बढ़ेगी और हो सकता है कि हमें कोरोना के साथसाथ कदम बढ़ाने पड़ें. कोरोना का संक्रमण मुंह व नाक के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है. इसलिए मॉस्क को हम अपनी आदत बना लें और शारीरिक दूरी का शत-प्रतिशत पालन करें. मॉस्काका प्रयोग हमें तब करना है जब आसपास कोई दूसरा व्यक्ति मौजूद हो. कई बार देखा गया है कि कार में अकेले होने के बावजूद लोग मॉस्क पहने रहते हैं. इसके चलते कुछ लोगों को मास्क से दिक्कत भी हो रही है. यदि हम ऑफिस के कमरे में अकेले बैठे हैं तो हमें मास्क लगाने की जरूरत नहीं, लेकिन अगर हमसे मिलने के लिए कोई व्यक्ति आ रहा है तो हम जरूर मास्क लगाएं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस बातचीत के दौरान मुंह से निकलने वाले फ्लूड से फैलता है. जब कभी आप किसी अन्य व्यक्ति के समीप हों या बातचीत करें तो मास्क का अवश्य प्रयोग करें. अगर हम यह सोचते हैं कि सामने वाले को किसी तरह के लक्षण नहीं और वह स्वस्थ है, लेकिन अगर कहीं वह एसिम्प्टोमेटिक हुआ तो.यह लापरवाही हम पर भारी पड़ सकती है. यदि हम अपने परिवार के बीच में हैं और जानते हैं कि हर व्यक्ति स्वस्थ है तो हमें वहां मास्क की कोई आवश्यकता नहीं.

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इसके अलावा लॉकडाउन में अब कुछ ढील दी जा चुकी है ऐसे में लोग ट्रेवल भी कर रहे हैं, अपने काम पर भी आ जा रहे हैं. इसलिए इस समय हैंड हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. कोरोना वायरस बातचीत या छींकने खांसने पर मुख से बाहर आने वाले फ्लूड के साथ सतह पर गिर सकता है. इसलिए हर 2 घंटे पर साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोने की आदत हमें जारी रखनी होगी. वही, गर्मी के चलते तापमान अधिक है और धूप बहुत तेज. ऐसे में मुख से बातचीत के दौरान निकलने वाला फ्लूड ज्यादा देर तक वातावरण में नहीं रह सकता और वह जल्द सूख जाता है इसलिए कोरोना वायरस का भी जीवित रहना मुश्किल है. लेकिन फिर भी हर कदम पर एहतियात की जरूरत है. महत्वपूर्ण यह भी है कि संक्रमण के लिए कम से कम 100 पैथोजेन की संख्या जरूरी है. इससे कम होने पर वायरस बीमारी नहीं पैदा कर सकेगा और खत्म हो जाएगा. इसलिए छह फीट की दूरी का अनुपालन करना जरूरी है. इससे यदि ड्रॉपलेट के जरिए वायरस आएगा तो भी वह बीच में ही सूख के खत्म हो जाएगा.

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