बहुत सारे दबाव के बाद अब चीन झुकता हुआ नजर आ रहा है. कमांडर स्तर की बातचीत में 22 जून को चीनी पक्ष की तरफ से यह भरोसा दिया गया था कि वो सैनिकों को फ्रंट इलाके से पीछे हटाएंगे. इसी के तहत कुछ जवान और गाड़ियां उनकी ओर से पीछे हटाए गए हैं. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी प्राप्त हुई है.
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पिछले मंगलवार को दोनो देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए सैन्य स्तरीय वार्ता और बुधवार को डब्लूएमसीसी (वर्किग मेकैनिज्म फॉर कंसलटेशन एंड कोआर्डिनेशन ऑन इंडिया-चाइना बार्डर अफेयर्स) की बैठक हुई थी. बैठक में भारत ने चीन के सामने फिर दोहराया था कि शांति स्थापित करने के लिए चीनी सैनिकों को अपने क्षेत्र में लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने हिंसक झड़प के मसले को उठाते हुए कहा था कि दोनों देशों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए. बैठक में भारत ने पिछले 23 जून को हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत और उसमें बनी सहमति का मुद्दा उठा.
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अपने बयान में विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत में दोनों पक्ष ने कहा कि शीर्ष नेताओं में सीमा पर शांति और सहअस्तित्व को बनाए रखने के लिए जो सहमति बनी है, उसका पालन होना चाहिए. इसका पालन करके ही सीमा पर शांति रहेगी. वैसे सैन्य स्तर पर विश्वास बहाली के लिए आगे भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहेगी ताकि सीमा पर शांति बनाई रखी जा सके.
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