क्या दो भागों में बंट जाएगा पश्चिम बंगाल ? केंद्र और ममता सरकार के बीच नया बवाल
क्या दो भागों में बंट जाएगा पश्चिम बंगाल ? केंद्र और ममता सरकार के बीच नया बवाल
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लगातार अलग राज्य को लेकर मांग उठ रही है, मगर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र तब तक इस मामले में कोई कदम नहीं उठाएगा, जब-तक कि संबंधित राज्य विधानसभा, राज्य विभाजन का प्रस्ताव पास नहीं कर देती. बता दें कि, ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन के नेता अनंत रॉय (महाराज) ने हाल ही में कई बार कहा है कि कूच बिहार बहुत जल्द ही एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाएगा. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया है.

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दरअसल, स्थानीय भाजपा नेताओं के एक तबके द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है कि उत्तर बंगाल को एक अलग राज्य होना चाहिए. हालांकि, हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार कई दफा कह चुके हैं कि अभी तक प्रदेश विभाजन को लेकर कोई बात नहीं हुई है. वहीं, इस संदर्भ में केंद्रीय भाजपा नेता यह कह रहे हैं कि पार्टी छोटे राज्यों के पक्ष में है, मगर बंगाल विभाजन के सवाल पर कार्रवाई का पक्ष लेने वाली पार्टी यह देख रही है कि उस राज्य का नेतृत्व और सबसे बढ़कर उसके लोग क्या चाहते हैं. गृह मंत्रालय और भाजपा हाईकमान द्वारा राज्य विभाजन के मुद्दे का खुलासा किए जाने के बाद सियासी गलियारों पर नजर है कि अनंत राय और स्थानीय भाजपा नेता क्या कहते हैं.

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बता दें कि, हाल ही में कामतापुरी प्रोग्रेसिव पार्टी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखते हुए आठवीं अनुसूची के तहत एक मान्यता प्राप्त भाषा का दर्जा और कामतापुरी राज्य का गठन करने की मांग की थी, मगर गृह मंत्रालय ने कामतापुरी भाषा के दावे को ठुकरा दिया और राज्य के दावे को देखने के लिए इसे केंद्र-राज्य विभाग के पास भेज दिया है. सूत्रों के मुताबिक, इस प्रकार की राज्य हिस्सेदारी की मांग नियमित रूप से केंद्र को पेश की जाती है, मगर जब राज्य विभाजन का प्रस्ताव संबंधित राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित किया जाता है और केंद्र में आता है, तो मामला रफ़्तार पकड़ता है. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया गया. अभी तक तृणमूल के हाईकमान की घोषित स्थिति पश्चिम बंगाल के बंटवारे के खिलाफ है.

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