बसपा से कांग्रेस में सम्मिलित हुए छह एमएलए का केस एक बार फिर उच्च न्यायालय में पहुंच गया है. अधिवक्ता हेमंत नाहटा की ओर से दाखिल की गई इस जनहित याचिका पर आज उच्च न्यायालय जस्टिस सबीना की खण्डपीठ में सुनवाई होगी. याचिका में विधानसभा में दलीय स्थिति परिवर्तन को चुनौती दी गई है. वहीं इस याचिका में यह भी मांग की गई है कि एमएलए को अयोग्य ठहराने के केस में भी कोर्ट का निर्णय ले.
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बसपा एमएलए के कांग्रेस में विलय के केस में उच्च न्यायालय में जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने दो दिन पहले सोमवार को ही दो याचिकाकर्ताओं की याचिका को निस्तारित कर अपना निर्णय सुनाया था. बसपा और बीजेपी एमएलए मदन दिलावर की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर ऑनलाइन सुनाये गये अपने फैसले में कहा था कि स्पीकर ही इस मामले की सुनवाई करे. कोर्ट ने कहा था कि बसपा और दिलावर की विधायकों के विलय को रद्द करने तथा विधायकों को अमान्य घोषित करने सहित अन्य मांगों पर स्पीकर ही सुनवाई करे. इसके साथ ही कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी को यह आदेश भी दिया था कि वे 3 माह में इस केस में सुनवाई कर निर्णय करें. अदालत ने स्पीकर के 22 जुलाई के निर्णय को रद्द कर दिया था.
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विदित हो कि यह पूरा केस गत विधानसभा चुनाव में बसपा के सिम्बल पर जीतकर विधानसभा पहुंचे उन 6 एमएलए से जुड़ा है, जो बाद में कांग्रेस में सम्मिलित हो गये थे. इन विधायकों ने गत वर्ष विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समक्ष एक प्रार्थना-पत्र पेश कर कांग्रेस में विलय की मंजूरी मांगी थी. इस पर विधानसभा स्पीकर ने उनके प्रार्थना-पत्र को स्वीकार विलय को मंजूरी दे दी थी. बसपा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने भी इस विलय को गलत बताते हुए इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
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