आखिर क्यों बाबा साहेब ने अपनाया था बौद्ध धर्म?
आखिर क्यों बाबा साहेब ने अपनाया था बौद्ध धर्म?
Share:

जिन्हें बाबा साहेब अंबेडकर के रूप में भी जाना जाता है, एक न्यायविधिक, अर्थशास्त्री, सामाजिक और राजनीतिज्ञ सुधारक थे.   वह एक प्रसिद्ध राजनेता और एक प्रतिष्ठित न्यायविद् थे. अछूतता और जाति प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए उनके प्रयास उल्लेखनीय हैं. उन्हें भारतीय संविधान का पिता भी कहा जाता है.

आपकी जानकारी के लिए बात दे कि अंबेडकर ने अपने संस्मरणों में जो ‘वीज़ा की प्रतीक्षा में’ पुस्तिका के रूप में प्रकाशित हैं, लिखा है कि विदेश से शिक्षा प्राप्त कर आने के बाद जब उन्होंने बड़ौदा स्टेट की नौकरी शुरू की तो अछूत जाति का होने के कारण उन्हें किराये पर मकान मिलना तक मुश्किल हो गया.

संविधान निर्माण और कई पदों को संभालने के बाद 14 अक्टूबर 1956 को अंबेडकर और उनके समर्थकों ने पंचशील को अपनाते हुए बौद्ध धर्म ग्रहण किया. अंबेडकर का मानना था कि हिंदू धर्म के अंदर दलितों को कभी भी उनका अधिकार नहीं मिल सकता है. 6 दिसंबर, 1956 को अंबेडकर की मृत्यु हो गई.

इंदौर : नगर निगम करेंगा किराना सामग्री की होम डिलीवरी

परिवार से दूर रह रहे है पुलिसवाले, कैलाश विजयवर्गीय ने लिया आवश्यकताओं का जायजा

रश्मि देसाई ने इस शख्स से सीखा गिटार बजाना

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -