दानिश की शिकायत के बाद लोगों को याद आए अजय, AMU ने पढ़ाई पर लगा दिया था बैन
दानिश की शिकायत के बाद लोगों को याद आए अजय, AMU ने पढ़ाई पर लगा दिया था बैन
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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) एक छात्र दानिश रहीम ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के चलते उसे AMU प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है और उससे PHD की डिग्री वापस माँगी जा रही है। दानिश ने PM से हस्तक्षेप की मांग की है। हालाँकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र के आरोपों को ख़ारिज किया है। PHD स्कॉलर दानिश रहीम ने इस मामले में उच्च न्यायालय में भी याचिका दाखिल की है। उसका कहना है कि AMU ने नोटिस भेजकर लिंग्विस्टिक की डिग्री वापस करने और इसके बदले LAM में डिग्री लेने के लिए कहा जा रहा है। उसका कहना ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उसने पीएम मोदी की प्रशंसा की थी। इस मामले ने लोगों को ठाकुर अजय सिंह का वाकया याद दिला दिया है।

 

दरअसल, इसी साल अप्रैल माह में उत्तर प्रदेश में स्थित AMU के हिन्दू छात्र नेता ठाकुर अजय सिंह पर बैन लगा दिया गया था। यही नहीं, उनके आगे की पढ़ाई करने पर भी बैन लगा दिया गया था। हिन्दू छात्रों पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर आवाज़ उठा रहे ठाकुर अजय सिंह को एक तरह से AMU में शिक्षा के अधिकार से पूरे जीवनकाल के लिए वंचित कर दिया गया था। उन्हें 13 फरवरी, 2019 को ही सस्पेंड किया जा चुका था। AMU से सम्बद्ध अन्य संस्थानों में भी उनके प्रवेश पर पाबन्दी लगा दी गई थी।

इसके बाद अंतिम फैसले के लिए AMU ने अपनी अनुशासन समिति के पास रिपोर्ट भेजी थी। उन्हें समिति के सामने और कुलपति के कार्यालय में हाजिरी लगाने के लिए समन भी भेजा गया था। AMU का दावा है कि ठाकुर अजय सिंह अनुशासन समिति के सामने हाजिर हुए और उन्हें अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया गया। AMU द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि छात्र ठाकुर अजय सिंह ने कहा कि वो यूनिवर्सिटी का सम्मान करते हैं और वो किसी को ठेस नहीं पहुँचाना चाहते थे। उन्होंने कहा था कि यदि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण हुआ भी तो वो अंडरस्टैंडिंग की कमी के चलते हुआ।

दावा किया गया कि अजय अपने व्यवहार के लिए वो अफ़सोस जता रहे हैं। अब कुलपति ने आदेश जारी किया है कि ठाकुर अजय सिंह के LLM परीक्षा के नतीजे जल्द से जल्द जारी किए जाने चाहिए। साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी में आगे की किसी भी किस्म की पढ़ाई के लिए प्रतिबंधित किया जाता है। हालाँकि, उनके पास इस फैसले के खिलाफ AMU की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पास अपील करने के विकल्प खुले हुए हैं। बता दें कि फरवरी 2019 में AMU के अन्य छात्रों पर हिन्दू छात्रों की पिटाई और उनकी गाड़ियाँ जलाने के इल्जाम लगे थे, जिसमें अजय सिंह भी जख्मी हो गए थे। AMU के छात्रों ने मीडिया के साथ भी मारपीट की थी। इस मामले में FIR भी दर्ज हुई थी। रीढ़ की हड्डी और सिर में चोट लगने की वजह से अजय सिंह को एक सप्ताह अस्पताल में गुजारने पड़े थे। इसके बाद हिन्दू छात्रों ने AIMIM के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया गया कि AIMIM के उकसाने पर ही हिन्दू छात्रों के खिलाफ हिंसा भड़की थी।

अजय ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें ‘तिरंगा यात्रा’ निकालने के लिए भी यूनिवर्सिटी की ओर से ‘कारण बताओ नोटिस’ भेजा गया था। यहाँ तक कि दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने पर भी उन्हें यही नोटिस मिला था। उन्होंने कहा कि AMU में भाजपा नेताओं का विरोध किया जाता था, यहाँ तक कि राष्ट्रपति का भी विरोध किया गया था। ठाकुर अजय सिंह बताते हैं कि 2019 में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का यहाँ कार्यक्रम प्रस्तावित हुआ और देश की सभी इस्लामी पार्टियों को मिला कर एक मुस्लिम फ्रंट बनाने का प्रयास किया गया था। उन्होंने बताया कि, 'हमने असदुद्दीन ओवैसी का विरोध किया। हमारे ऊपर फायरिंग भी हुई। हमारी गाड़ियां जला दी गई। गाड़ियों के नंबर इंटरनेट पर सर्च कर-कर के 15 गाड़ियाँ आग के हवाले कर दी गईं। उसी दौरान हमारा निलंबन कर दिया गया। मुझे अब आगे की पढ़ाई के लिए भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब मैं यूनिवर्सिटी से बाहर हूँ। मैं एक पारिवारिक समस्या में भी पड़ा हुआ था। अब मैं हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊँगा। पहले भी अदालत से मुझे मदद मिली थी।'

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