क्रूर सिंह के गेटअप से हुई थी अखिलेंद्र मिश्रा को परेशानी
क्रूर सिंह के गेटअप से हुई थी अखिलेंद्र मिश्रा को परेशानी
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टीवी के जाने मने अभिनेता अखिलेंद्र सिंह ने अपने करियर की शुरुआत सुपरस्टार सलमान खान के साथ फिल्म वीरगति से की थी. इसके बाद उन्होंने इंडस्ट्री में तकरीबन 30 साल तक काम किया परन्तु आज भी उन्हें सबसे ज्यादा लोग टीवी शो चंद्रकांता के किरदार क्रूर सिंह के लिए जानते हैं.वहीं ये टीवी शो दूरदर्शन पर साल 1994 से 1996 के बीच प्रसारित किया गया. इसके साथ ही क्रूर सिंह को हंसने का अंदाज लोगों को आज भी याद है जो कहीं न कहीं उनके किरदार का सिगनेचर बन गया था.वहीं एक मिडिया रिपोर्टर के साथ बातचीत में अखिलेंद्र ने चंद्रकांता के सेट पर अपने पहले दिन के बारे में बताया. वहीं अखिलेंद्र ने बताया, "जब शूटिंग शुरू हुई तो मेरा गेटअप एक दम अलग था. 

इसके साथ ही एक खूबसूरत राजकुमार जिसकी हल्की मूछें थीं. वहीं मैंने टीम से कहा कि मेरे किरदार का नाम क्रूर है और मैं उसके नाम की तरह बिलकुल भी नहीं लग रहा हूं. नीरजा जी हंसने लगीं परन्तु मुझे लगता है कि मेरी बात उनके दिमाग में रह गई थी."अखिलेंद्र ने बताया, "इसके बाद उन्होंने शूट का पहला शेड्यूल पूरी तरह से स्क्रैप कर दिया और दूसरे शेड्यूल में मेरा लुक पूरी तरह से बदल दिया. इसके साथ ही फिर मैंने उनसे कहा कि अब मेरा चेहरा बिलकुल नहीं दिख रहा है. वहीं लोग मुझे पहचान ही नहीं पाएंगे."इस पर नीरजा जी का जवाब था, "इसी लुक के साथ काम शुरू करो. इसके बाद पूरी दुनिया तुम्हें पहचानेगी." इसके साथ ही अखिलेंद्र ने बताया कि वही फाइनल लुक था जिसे लोगों ने टीवी पर देखा.

वहीं अखिलेंद्र ने कहा कि उन्होंने काम शुरू कर दिया था परन्तु उनके दिमाग में ये चीज चलती रहती थी कि वो ऐसा क्या करें जिससे लोग उन्हें इस किरदार के अलावा भी याद रखें. वो मुझे मेरी आवाज से भी पहचान सकते थे.इसके साथ ही अखिलेंद्र ने बताया, "जब मैं अपने सीन्स पढ़ता था तो उन्हें पढ़ कर यक्क बोलता था. इसके साथ ही जब मैंने नोटिस किया कि ये मेरे मुंह से बार-बार निकल रहा है तो मैंने इस आवाज को अपना कैचफ्रेस बनाने का फैसला किया. वहीं मुझे लगा कि ये एक अच्छा प्रयोग होगा.वहीं "अखिलेंद्र ने कहा कि जब उन्होंने ये बात नीरजा जी को बताई तो उन्हें लगा कि ये एक शब्द होने से ज्यादा एक वाक्य है और बहुत कुछ जाहिर करता है और उन्होंने इसे किरदार के साथ जोड़ दिया. वहीं अखिलेंद्र ने बताया कि क्योंकि यक्कू आसान था इसलिए बच्चों ने इसे याद कर लिया और फिर ये तेजी से पॉपुलर हो गया. चंद्रकांता के दौरान ही मुझे मेरी पहली फिल्म भी मिल गई थी जो वीरगति थी.

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