यह बात तो लगभग हम सभी को पता है कि आज के समय में बीमारियां होना कितना आम हो गया है पर क्या आप इस बारें में जानते है कि ऐसी कई बीमारियां है जिनका शिकार केवल बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी होते जा रहे है वहीं अक्सर बच्चों को बचपन में कई बीमारियां घेर लेती हैं. इन बीमारियों में से जिससे सबसे ज्यादा मौतें होती हैं कैंसर उनमें से एक है.
4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. हर साल, नवजात से लेकर 18 साल तक के बच्चे बड़ी संख्या में कैंसर के शिकार हो रहे हैं. बच्चों में कैंसर के लक्षण कई बार सीधे तौर पर नहीं दिखते हैं, जिस कारण इस जानलेवा बीमारी का पता देरी से चलता है. वहीं कैंसर के लक्षणों को जितनी जल्दी पता लग जाए कैंसर का इलाज भी जल्द हो सकता है. हालांकि कुछ तरीके हैं, जिन पर गौर किया जाए तो इस बीमारी का पता जल्दी भी लगाया जा सकता है. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पीडियाट्रिक हीमोटोलॉजी, ओंकोलॉजी और बोनमैरो ट्रांसप्लांट के एडिशनल डायरेक्टर और एचओडी डॉ. विकास दुआ ने बच्चों में होने वाले चार प्रमुख कैंसर और उनके लक्षणों के बारे में बताया है.
1. एक्यूट ल्यूकेमिया कैंसर: ल्यूकेमिया बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर है. आमतौर पर यह 2 से 4 साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है. ल्यूकेमिया बोनमैरो यानी अस्थिमज्जा का कैंसर है. ल्यूकेमिया के शिकार बच्चों में चार में से तीन मामले एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के होते हैं. वहीं बचा हुआ एक केस एक्यूट मिलॉइड ल्यूकेमिया का होता है.
ल्यूकेमिया कैंसर के लक्षण:-
- हड्डी और जोड़ों में दर्द
- थकान, कमजोरी
- रक्तस्राव
- लंबे समय तक बुखार
- वजन कम होना.
2. ब्रेन ट्यूमर: ब्रेन ट्यूमर या तंत्रिका तंत्र में होने वाले ट्यूमर बच्चों में होने वाला दूसरा प्रमुख कैंसर है. ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं और उन सभी के लक्षण और ट्रीटमेंट अलग-अलग होते हैं. जंहा बच्चों में ब्रेन ट्यूमर की बात करें तो यह उनके दिमाग के निचले हिस्से से शुरू होता है. हालांकि, बच्चों और वयस्कों में होने वाले ब्रेन ट्यूमर्स में अंतर होता है लेकिन इसके लक्ष्ण समान होते हैं.
ब्रेन ट्यूमर्स के लक्षण:-
- सिरदर्द (सुबह उल्टी होने के साथ)
- चक्कर आना
- संतुलन में समस्या
- देखने, सुनने या बोलने में समस्या
- लगातार उल्टियां होना.
3. न्यूरोब्लास्टोमा कैंसर: यह बीमारी नवजातों और बहुत कम उम्र के बच्चों में अविकसित नर्व सेल से शुरू होती है. ज्यादातर यह बीमारी 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होती है. यह बीमारी आमतौर पर एड्रेनल ग्लैंड यानी अधिवृक्क ग्रंथि से शुरू होती है.
न्यूरोब्लास्टोमा के लक्षण:-
- चलने में संतुलन बिगड़ना.
- आंखों में बदलाव आना (आंखें नम रहना).
- शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द रहना.
घर के छज्जे से लटका हुआ मिला महिला का शव, जांच में जुटी पुलिस
कार्यालय सहायक और ड्राइवर के रिक्त पदों पर भर्ती, सैलरी 40,270 रु