कांग्रेस ने क्यों किया ऐसा ? G20 समिट और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के 'अपमान' की क्या है सच्चाई !
कांग्रेस ने क्यों किया ऐसा ? G20 समिट और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के 'अपमान' की क्या है सच्चाई !
Share:

नई दिल्ली: भारत 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन इस बीच कई कांग्रेस नेताओं और अन्य लोगों को अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में फर्जी खबरें फैलाते हुए देखा गया है। पवन खेड़ा और शशि थरूर सहित कई कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि G20 शिखर सम्मेलन से पहले कुछ होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि पीएम नरेंद्र मोदी लोकप्रियता में कई अन्य वैश्विक नेताओं से आगे हैं। होर्डिंग में कहा गया कि इसे भाजपा नेता विजय गोयल ने लगवाया है। 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'क्या हम अपने मेहमानों का स्वागत इसी तरह करते हैं, विजय गोएल बीजेपी जी?' होर्डिंग में पीएम मोदी की तस्वीर के साथ-साथ मैक्सिको, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, ब्राजील और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों की तस्वीर भी मौजूद है, जो हर नेता की लोकप्रियता को दर्शाता है। पीएम मोदी की छवि का आकार सबसे बड़ा है, क्योंकि उनकी लोकप्रियता 78% के साथ सबसे अधिक है। गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड G20 का सदस्य नहीं है। हालाँकि, बाद में शायद पवन खेड़ा को अपनी गलती का अहसास हो गया, इसलिए उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हिंदी में एक ट्वीट के साथ एक्स पर तस्वीर भी पोस्ट की थी और दावा किया था कि भाजपा अतिथि देवो भवः के भारतीय दर्शन के बजाय चाटुकारिता में लगी हुई है। हालांकि, बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। भाजपा विरोधी पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी यही दावा करते हुए कहा कि मेहमानों के अपमान की पूरी तैयारी चल रही है। यही दावे कई अन्य पत्रकारों और राजनेताओं ने भी किए। यहां तक कि इंडिया टुडे ने भी इसी दावे को प्रचारित किया कि यह होर्डिंग जी20 शिखर सम्मेलन से पहले लगाया गया है, जिससे इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली आने वाले विदेशी राष्ट्राध्यक्षों का अपमान हुआ है। 

मीडिया हाउस ने कांग्रेस नेताओं के दावों वाली एक रिपोर्ट छापी, जिसमें कहा गया कि भाजपा की दिल्ली इकाई ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले शहर में होर्डिंग्स लगाए हैं, जिसमें उनकी लोकप्रियता रैंकिंग के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वैश्विक पाठकों के कटआउट दिखाए गए हैं। हालाँकि, आपको बता दें कि, विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को अपमानित करने वाले ये तमाम दावे झूठे हैं, क्योंकि G20 शिखर सम्मेलन से पहले अभी कोई होर्डिंग नहीं लगाई गई है। जो तस्वीर कांग्रेस और अन्य मीडिया हाउस द्वारा वायरल की जा रही है, वो होर्डिंग की तस्वीर पुरानी है, और इसे विजय गोयल ने मॉर्निंग कंसल्ट सर्वे के बाद लगाया था, जिसमें पीएम मोदी को 78% वोटों के साथ दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता बताया गया था। 6 अप्रैल की एक रिपोर्ट में एसोसिएटेड प्रेस की तस्वीर है, जिससे साफ जाहिर चलता है कि यह तस्वीर कम से कम 5 माह पुरानी है। 12 अप्रैल की नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में भी उसी होर्डिंग की एक अलग तस्वीर दिखाई गई है। 

 

इससे, यह स्पष्ट जाहिर होता है कि होर्डिंग मॉर्निंग कंसल्ट सर्वेक्षण के नतीजों के जवाब में अप्रैल 2023 में या शायद उससे पहले लगाया गया था, और यह हाल का नहीं है जैसा कि कांग्रेस ने दावा किया है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने यह दावा करने के लिए फर्जी खबर फैलाई कि भाजपा जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आने वाले गणमान्य व्यक्तियों का तिरस्कार कर रही है, जो पूरी तरह से गलत है। इस झूठे दावे को बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अप्रत्यक्ष रूप से पत्रकारों और इंडिया टुडे जैसे मीडिया घरानों से मदद मिल गई। हालाँकि, इस पूरे घटनाक्रम में ध्यान देने वाली बात ये है कि, जब भारत पहली बार G20 जैसी विश्वस्तरीय समिट का आयोजन अपनी ही धरती पर अध्यक्ष रूप में करने जा रहा है, ऐसे में विपक्षी नेताओं को भी थोड़ा संवेदनशील होना चाहिए और किसी भी ऐसी खबर को फैलाने से पहले उसकी जांच कर लेनी चाहिए, जिससे न केवल देश का बल्कि, दुनियाभर से आए विदेशी मेहमानों का भी अपमान हो। यदि विपक्ष को मोदी सरकार को घेरना ही है, तो उसके लिए अन्य मुद्दे भी हैं, लेकिन इस तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जब भारत अध्यक्षता कर रहा है और कई राष्ट्राध्यक्ष भारत आए हुए हैं, ऐसे समय में राजनीति को परे रखकर पार्टियों को और अधिक मजबूती से राष्ट्र के साथ खड़ा होने की आवश्यकता है।

बंगाल के विधायकों का वेतन एक झटके में 40 हज़ार बढ़ा, सीएम ममता ने किया ऐलान

'15 अप्रैल को बंगाल दिवस के रूप में मनाएगी TMC सरकार..', गवर्नर की मंजूरी के बगैर सीएम ममता का ऐलान

विजयन सरकार ने किया 'भारत' नाम का विरोध, खुद कर रही केरल का नाम 'केरलम' रखने की मांग

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -