शिमला : हिमालयी क्षेत्र से लगे 30 गांवों की करीब दस हजार की आबादी का जीवन अब संकट में है। गांव ही नहीं, गांवों तक जाने वाले रास्ते भी बर्फ से ढके हुए हैं। गांवों में न बिजली है, न पानी। यहां तक कि खाद्यान्न भी पूरा नहीं है। सबसे बड़ी मुश्किल तो संचार सुविधा न होने से पेश आ रही है। ऐसी स्थित में ग्रामीण किसी को अपनी परेशानी बताएं भी तो कैसे।
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बर्फ हटी पर समस्या अब भी वही
जानकारी के मुताबिक भारी बर्फबारी होने के कारण इन गांवों को जोडऩे वाले दस सड़क मार्ग बंद हो गए थे। हालांकि लोक निर्माण विभाग व बीआरओ ने सड़क से बर्फ तो हटा दी है। लेकिन, सड़क पर बर्फ की परत के ऊपर जमे पाले के कारण फिसलन बनी हुई है। ऐसे में इन मार्गों पर पैदल चलना भी जोखिमभरा है। जिससे ग्रामीण निकटवर्ती बाजारों तक आवाजाही भी नहीं कर पा रहे। आपदा प्रबंधन और प्रशासन ने भी इस तरह के जोखिम वाले मार्गों पर सुरक्षा की दृष्टि से वाहन न चलाने की अपील की है।
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जानकारी के लिए बता दें इन गांवों में प्रशासन की ओर से पहले ही जनवरी व फरवरी का चावल तो दिसंबर में ही यहां भेज दिया गया था। लेकिन, गेहूं और कैरोसिन आज तक नहीं पहुंचा। जबकि, भारी बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति ठप पड़ने से मोरी क्षेत्र के इन सुदूरवर्ती गांवों में अंधेरा पसरा हुआ.
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