त्रयंबकेश्वर मंदिर में घुसकर 'ज्योतिर्लिंग' पर चादर चढ़ाने की कोशिश, सतर्क सुरक्षाबलों ने मुस्लिमों को रोका !
त्रयंबकेश्वर मंदिर में घुसकर 'ज्योतिर्लिंग' पर चादर चढ़ाने की कोशिश, सतर्क सुरक्षाबलों ने मुस्लिमों को रोका !
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मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में घुस कर शिवलिंग पर चादर चढ़ाने का प्रयास किए जाने का मामला सामने आया है। हालाँकि, सतर्क सुरक्षा गार्ड्स ने लोगों के कुत्सित प्रयास को नाकाम कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग जबरन मंदिर के अंदर घुसना चाह रहे थे और इस दौरान उन्होंने शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश भी की। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है और ‘ब्राह्मण महासभा’ ने इसकी गहन जाँच की माँग की है। बता दें कि भगवान शिव का ये मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

 

रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरक्षकर्मियों ने इन मुस्लिमों को मंदिर के भीतर दाखिल होने से रोक दिया। जो मुस्लिम, भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे, वो अपने मजहबी कार्यक्रम उर्स में शामिल होने के लिए आए थे। मगर, सतर्क सुरक्षाकर्मियों और मुस्तैद मंदिर प्रशासन ने उनकी कोशिश पर पानी फेर दिया। फिर स्थिति को भी काबू कर लिया गया। वहीं, आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माँग की जा रही है। पुलिस द्वारा कार्रवाई न होने पर पुजारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इस संबंध में मंदिर प्रशासन ने स्थानीय पुलिस थाने को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। इसमें शनिवार (13 मई, 2023) को रात में 9:41 बजे हुई इस घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई है। 

बता दें कि, मंदिर के उत्तरी द्वार से कुछ ही दूरी पर उर्स (मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित समारोह) का आयोजन चल रहा है। वहीं से कुछ मुस्लिमों ने मंदिर में दाखिल होने का प्रयास किया। इस पत्र में लिखा है कि सदियों से ये परंपरा चली आ रही है कि मंदिर में केवल हिन्दुओं को ही प्रवेश देने की इजाजत रही है, जिनकी हिन्दू धर्म में आस्था नहीं है उन्हें अंदर नहीं आने दिया जाता। देवस्थान ट्रस्ट ने पुलिस से इस मामले में छानबीन शुरू कर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने लिखा है कि इस घटना से सामाजिक तानेबाने को भी क्षति पहुँच सकती है। आगे इस प्रकार की घटना न हो, इसके लिए व्यवस्था करने के लिए भी अपील की गई है। बता दें कि,त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग का यह मंदिर नीलगिरि, ब्रह्मगिरि और कलागिरि की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हुए 3 लिंग मौजूद हैं। मुग़ल बादशाह औरंगजेब द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद पेशवा बालाजी बाजीराव द्वारा इसका पुनर्निर्माण करवाया गया था।

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