मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में चल रही सभी स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। स्वरोजगार के लिए भूमि का भू उपयोग परिवर्तन का आवेदन 15 दिन के भीतर किया जाना है। स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सोलर व पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वास्तव में जरूरतमंदों और बेरोजगार को प्राथमिकता दी जाए। सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट की आवश्यक प्रक्रियाएं समय से पूरी हों।होप पोर्टल पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं की सूचना अपलोड की जाए। एक प्लेटफार्म पर आने से लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी और इसका लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों की बिक्री के लिए निश्चिंत रहें, इसके लिए उनके उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था पर काम किया जाए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविंद्र दत्त, मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, सचिव एल फैनई, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित रहे।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पिरूल प्रोजेक्ट में पिरूल एकत्रीकरण पर स्वयं सहायता समूहों को एक रूपया प्रति किलो वन विभाग और डेढ़ रुपये प्रति किलो विकासकर्ता द्वारा दिया जाता है। राज्य सरकार भी अतिरिक्त 1 रूपया प्रति किलो अर्थात 100 रूपए प्रति क्विंटल की राशि देगी। अब पिरूल एकत्रित करने वालों को साढ़े तीन सौ रुपये प्रति कुंतल मिलेंगे।
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