'न्यूज़क्लिक' का ट्विटर हैंडल बैन ! चीन से पैसे लेकर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का है आरोप
'न्यूज़क्लिक' का ट्विटर हैंडल बैन ! चीन से पैसे लेकर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का है आरोप
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नई दिल्ली: एक्स (पूर्व में ट्विटर) के अधिकारीयों ने न्यूज़क्लिक (NewsClick ) ट्विटर हैंडल को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय इस बात के उजागर होने के कुछ दिनों बाद आया कि न्यूज़क्लिक को चीन द्वारा चीन समर्थक और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए पैसे दिए गए थे। चीन समर्थक पोर्टल, न्यूज़क्लिक ने भारत में चीनी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए विवादास्पद अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) का करीबी हैं, के साथ संचार का आदान-प्रदान किया।

हालाँकि यह आरोप कि न्यूज़क्लिक को विदेशी स्रोतों से बेहिसाब धन प्राप्त हुआ और अन्य आपराधिक कृत्यों के बीच वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त था, समाचार पोर्टल पर 2021 में ED के छापे के बाद सामने आया था। हालाँकि, उस समय कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे प्रेस पर हमला बताया था। जिसके बाद यह मुद्दा हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे के बाद फिर से सुर्खियों में आया। शनिवार (5 अगस्त) को न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक विस्तृत लेख प्रकाशित किया, जिसमें एक अमेरिकी व्यवसायी के चीनी सरकार के साथ संबंधों और न्यूज़क्लिक को उसके वित्तीय समर्थन का खुलासा किया गया।

अमेरिका स्थित अखबार के अनुसार, नेविल रॉय सिंघम नाम का एक करोड़पति चीनी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर (भारत सहित) में कई समाचार प्रकाशनों को फंडिंग कर रहा है। NYT में कहा गया है कि, ''नई दिल्ली में, कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है, सिंघम के नेटवर्क ने एक समाचार साइट, न्यूज़क्लिक को फंड दिया, जिसने अपने कवरेज को चीनी सरकार के मुद्दों से जोड़ा। बता दें कि, इससे पहले, 9 फरवरी, 2021 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के घर पर छापा मारा था।

ED के सूत्रों के मुताबिक, न्यूज़क्लिक को एक अमेरिकी कंपनी से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के तहत 10 करोड़ रुपये मिले थे। दिलचस्प बात यह है कि इसके संस्थापक पुरकायस्थ को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि अमेरिकी कंपनी ने उनकी कंपनी के खाते में पैसे क्यों ट्रांसफर किए हैं। वह इस बात का कोई सबूत नहीं दे सके कि उन्होंने कंपनी विशेष के लिए क्या काम किया है। सोमवार (7 अगस्त) को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भारतीय संसद में वामपंथी प्रचार समाचार आउटलेट न्यूज़क्लिक के चीनी वित्तपोषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा किए गए हालिया खुलासे के बारे में बात की। 

दुबे ने लोकसभा में रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा कि, “राहुल गांधी की नफ़रत की दुकान पर चीनी सामान बेचा जा रहा है, न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक दिलचस्प रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमे बताया गया है कि, न्यूज़क्लिक जैसे संगठन को करीब 38 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।' उन्होंने कहा था कि, “अखबार की रिपोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय के निष्कर्षों को भी दोहराया गया है कि, न्यूज़क्लिक भारत विरोधी, टुकड़े-टुकड़े गिरोह का एक हिस्सा है। (प्रबीर) पुरकायस्थ मालिक हैं।'

भाजपा नेता ने कहा कि न्यूज़क्लिक के मालिक द्वारा जमा किया गया धन, माओवादियों, नक्सलियों और (अभिसार) शर्मा, रोहिणी सिंह और स्वाति चतुर्वेदी जैसे प्रचार कलाकारों को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार भारत विरोधी कहानी बनाने के लिए भी पैसा खर्च कर रही है। निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के संबंधों को भी उजागर किया। उन्होंने सबसे पुरानी पार्टी पर 2017 के कुख्यात डोकलाम गतिरोध के दौरान चीन के साथ बातचीत करने का आरोप लगाया।

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