पटना: बिहार की राजधानी पटना में स्थित लोकप्रिय महावीर मंदिर चढ़ावे के मामले में देश के कई बड़े धार्मिक स्थलों से आगे है। महावीर मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर से भी अधिक धनवान है। पटना के महावीर मंदिर की सालाना आय 36 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि काशी विश्वनाथ का सालाना चढ़ावपा 4 से 5 करोड़ रुपये ही है।
शुक्रवार को महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मंदिर की प्रतिदिन की आय 10 लाख रुपये से अधिक हो गई है। कोरोना वायरस के चलते इसकी आय में कमी आई थी। मगर, कोरोना से जुड़े प्रतिबंध समाप्त होने के बाद इसमें तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि महावीर मंदिर का साल 1987 में प्रबंधन मिलने के पहले इसकी अधिकतम आय 11 हजार रुपये सालाना थी। वित्तीय अनुशासन एवं बेहतर प्रबंधन से आय में वृद्धि हुई है। मंदिर की आय चढ़ावे की राशि, कर्मकांड शुल्क, नैवेद्यम की बचत राशि एवं स्वैच्छिक चंदे से प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त विक्रय केंद्रों की बचत राशि एवं बैंक ब्याज से भी आय होती है।
पटना का महावीर मंदिर देश में भगवान बजरंगबली के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। प्रतिदिन देशभर से हजारों भक्त यहां आकर बजरंगबली के दर्शन करते हैं। 1948 में इस मंदिर को सार्वजनिक घोषित किया गया था। तत्पश्चात, 1983 से 85 के बीच इसका फिर से निर्माण कराया गया था। महावीर मंदिर में भगवान बजरंगबली की एक साथ दो युग्म प्रतिमाएं हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दर्शन मात्र से सभी दुख दूर हो जाते हैं।
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