गुवाहाटी: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार (3 सितंबर) को कहा कि यदि कांग्रेस सनातन धर्म पर DMK नेता उदयनिधि स्टालिन की विवादास्पद टिप्पणी से खुद को दूर नहीं करती है, तो यह जनता की धारणा की 'पुष्टि' कर देगी कि कांग्रेस 'हिंदू विरोधी' ही है। इसके साथ ही सीएम सरमा ने तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के बयानों का समर्थन करने वाले कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के बयान को लेकर भी सबसे पुरानी पार्टी के रुख पर सवाल उठाया है। वहीं, तमिलनाडु कांग्रेस की महिला नेता लक्ष्मी रामचंद्रन ने भी हिन्दू धर्म को नफरत फैलाने वाला बताया है।
इन सबको लेकर सीएम सरमा ने कहा है कि, 'मैं तमिलनाडु के मंत्री के बयान की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने खुद को ही बेनकाब किया है।'' उन्होंने याद दिलाया कि इसी तरह की टिप्पणियां कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी की थीं। बता दें कि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक बयान में कह चुके हैं कि, ''यदि मोदी को शक्ति मिली, तो भारत में सनातन धर्म का राज हो जाएगा, इसलिए हमें उन्हें रोकना होगा।'' इस बयान के लिए खड़गे की काफी आलोचना भी हुई थी। वहीं, मौजूदा विवाद में DMK युवा विंग के सचिव और तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को आरोप लगाया था कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस, मलेरिया, डेंगू और मच्छरों से सनातन धर्म की तुलना करते हुए कहा था कि, 'इसका विरोध करने से कुछ नहीं होगा, सनातन धर्म को पूरी तरह ख़त्म करना होगा।' बता दें कि, भारत के लगभग 80 फीसद लोग सनातन धर्म यानी हिन्दू धर्म का पालन करते हैं, ऐसे में उदयनिधि यदि सनातन को ख़त्म करने की बात कर रहे हैं, तो वे इन 80 फीसद हिन्दुओं का धर्मान्तरण करने की बात कर रहे हैं, या फिर उन्हें ख़त्म करने की ? वे सनातन धर्म को किस तरह ख़त्म करेंगे ? ये वही बता सकते हैं।
“If Modi becomes PM again then Sanatan Dharma will rule India..We must stop him!”
— Vasudha (@WordsSlay) September 30, 2022
Mallikarjun Kharge, Congress President poll candidate pic.twitter.com/0gvjkf8dLE
बहरहाल, तमिलनाडु CM के बेटे उदयनिधि की टिप्पणी से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और भाजपा के IT विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि DMK नेता ने सनातन धर्म का पालन करने वाली 80 प्रतिशत आबादी के "नरसंहार" का आह्वान किया है। उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि उनका भाषण सामाजिक बुराइयों का संकेत था। वहीं, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी उदयनिधि के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा इसे "नरसंहार के आह्वान" से तुलना करना इसे "शरारती मोड़" देने जैसा है।
इस पर असम के सीएम सरमा ने कहा कि अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस, DMK के साथ गठबंधन में रहेगी और अपने सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करेगी ? सीएम सरमा ने कहा कि, 'यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा है। उन्हें निर्णय लेना होगा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं।' सरमा ने कहा कि, 'यदि राहुल गांधी DMK से संबंध नहीं तोड़ते या चिदंबरम को निष्कासित नहीं करते हैं, तो यह पुष्टि हो जाएगी कि ये लोग (कांग्रेस) हिंदू विरोधी हैं, उन्हें सनातन धर्म पसंद नहीं है, उन्हें हिंदू धर्म पसंद नहीं है।' एक धर्म के रूप में हिंदू धर्म पर कोई भी बयान देने से बचते हुए उन्होंने कहा, 'मैं उस बहस में शामिल नहीं होना चाहता। यह 5,000 साल पहले से यहां था और तब तक रहेगा जब तक सूरज और चंद्रमा रहेंगे।' गौर करने वाली बात ये भी है कि, यदि इसी तरह की टिप्पणी यदि ईसाई, इस्लाम, सिख, बौद्ध जैसे किसी अन्य धर्म को लेकर की गई होती, तो शायद कांग्रेस सबसे पहले उसका विरोध करती। लेकिन, अभी टिप्पणी हिन्दू धर्म पर की गई है, जिसके लिए खुद राहुल गांधी कह चुके हैं कि, 'इन हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालना है।' हालाँकि, राहुल, हिन्दू और हिंदुत्व में भ्रमित हो गए थे, जैसे माता में मातृत्व (यानी माता होने का भाव) होता है, पुरुष में पुरुषत्व (पौरुष), वैसे ही हिन्दू में हिंदुत्व का भाव है, लेकिन कांग्रेस शायद इसे दूसरी दृष्टी से देखती है।
राहुल यह भी कह चुके हैं कि, 'मंदिर जाने वाले लोग लडकियां छेड़ते हैं।' ऐसे में यह देखने लायक होगा कि, क्या राहुल गांधी, सीएम सरमा की बात का जवाब देते हैं, या फिर इसे यूँ ही छोड़ देते हैं। भारत जोड़ो यात्रा के समय भी जब राहुल एक पादरी जॉर्ज पोनिय्या से मिले थे, तब पादरी ने उनसे कहा था कि, ''जीसस ही असली ईश्वर है, वे दुर्गा-शक्ति और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं जैसे नहीं हैं।'' उस समय भी राहुल की चुप्पी पर सवाल उठे थे।
Udhayanidhi Stalin’s hate speech with Hindi subtitles.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 2, 2023
Rahul Gandhi speaks of ‘मोहब्बत की दुकान’ but Congress ally DMK’s scion talks about eradicating Sanatana Dharma. Congress’s silence is support for this genocidal call…
I.N.D.I Alliance, true to its name, if given an… https://t.co/hfTVBBxHQ5 pic.twitter.com/ymMY04f983
भाजपा आरोप लगा रही है कि, कांग्रेस, मुस्लिमों और ईसाईयों के वोट पाने के लिए हिन्दुओं को गाली देती है और सनातन धर्म को नीचा दिखाती है। क्योंकि, अक्सर देखा गया है कि, कांग्रेस नेता हिन्दू धर्म को छोड़कर किसी भी अन्य धर्म पर टिप्पणी करने से बचते नज़र आते हैं, यहाँ तक कि, कांग्रेस नेता, खुद राहुल गांधी भी आतंकवाद, लव जिहाद जैसे मुद्दों पर बोलने से बचते नज़र आते हैं, शायद उन्हें यह डर हो कि इससे एक समुदाय विशेष को ठेस पहुँच सकती है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि, कुछ धर्मों के प्रति इतनी संवेदनशील रहने वाली कांग्रेस, की ''संवेदना'' सनातन धर्म के प्रति क्यों नहीं दिखती ? क्या, कांग्रेस को हिन्दू समुदाय के लोगों के वोट नहीं चाहिए ? क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट में हिन्दुओं के आराध्य श्री राम को काल्पनिक बताकर देश की सबसे पुरानी पार्टी पहले ही हिन्दू आस्था को ठेस पहुंचा चुकी है। क्या वही पार्टी किसी दूसरे धर्म के आराध्य को काल्पनिक कहने की शक्ति रखती है ? इन सभी चीज़ों को देखा जाए, तो असम सीएम हिमंता सरमा का बयान सही प्रतीत होता है, लेकिन क्या राहुल इस पर कोई प्रतिक्रिया देंगे ?