वीडियो : देशभर में कैशलेस हैं एटीएम, परेशानियां से गुजर रहे हैं लोग
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देश के कई राज्यों में नकदी की भारी किल्लत देखी जा रही है.एटीएम में नकदी खत्म हो गई है.पिछले 48 घंटों से देश में हड़कंप मचा हुआ है.राजधानी दिल्ली में भी मंगलवार को लोग पैसे निकालने के लिए भटकते रहे.यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में नकदी की किल्लत देखने को मिल रही है.गुजरात समेत कई राज्यों के बैंकों में नकदी निकालने की लिमिट भी तय कर दी है.हालांकि, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि देश में कैश की कोई कमी नहीं है, जो भी दिक्कत है, उसे एक हफ्ते में दूर कर लिया जाएगा.

बिहार में मांग से 35% तक ही करेंसी सप्लाई हो रही है.पटना के 1500 में से 650 एटीएम ठप हैं.जो चल रहे हैं, उनमें भी अक्सर कैश नहीं रहता. 10 साल में पहली बार ऐसा ट्रेंड दिखा है.

दक्षिण गुजरात के 2250 में से 80 से 85% एटीएम खाली हैं.सूरत में बैंकों ने करंट और सेविंग अकाउंट के लिए लिमिट 25 से 50 हजार रुपए तय कर दी है. 30 से 35% एटीएम में कैश नहीं है.राजकोट के 612 बैंकाें से से 183 में नकदी संकट है.कुल 434 एटीएम में से 40 बंद हैं.90 एटीएम में कैश की किल्लत स्थायी है.ग्रामीण और ट्राइबल इलाकों में ज्यादा संकट है.

राजस्थान प्रदेश में कुल 8,335 एटीएम हैं.इनमें से 70 फीसदी से ज्यादा काम कर रहे हैं, यानी कैश की कोई किल्लत नहीं है.बाकी जिन एटीएम में समस्या है, उसे अगले 10 दिन में सुधारने की बात कही जा रही है.

झारखंड के 17 जिलों के 445 एटीएम की भास्कर ने जांच की तो 272 खाली मिले.झारखंड में 43 बैंकों के 3972 एटीएम हैं.इनमें 700 से अधिक एसबीआई के हैं.नकदी की किल्लत का आलम यह है कि एसबीआई की रांची ब्रांच की लिमिट 1600 करोड़ रुपए है, लेकिन मंगलवार को बैंक में मात्र 52 करोड़ रुपए थे.


छग-ज्यादातर इलाकों में 90 से 95 फीसदी एटीएम में कैश नहीं छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में 90 से 95 फीसदी कैश की किल्लत के चलते सूखे हैं.कोरबा स्थित एसबीआई के चेस्ट में दिसंबर 2017 से करेंसी नहीं आई है.जनवरी में यहां 400 करोड़ की करेंसी और सिक्के आए थे.बैकुंठपुर में 10 फीसदी एटीएम ही तीन-चार घंटे चालू रहते हैं.

मप्र-जमा-निकासी का अंतर रोजाना 700 करोड़ रुपए तक पहुंचा प्रदेश में आधे एटीएम खाली हैं.जमा और निकासी का अंतर रोजाना 700 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है.मंडियों में हो रही सरकारी खरीद के बदले बैंकों को अप्रैल-मई में मप्र सरकार की ओर से 30,000 करोड़ रुपए बांटने हैं.अब तक बैंक केवल 4000 करोड़ रुपए ही बांटे गए हैं.

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