पूरे देश में 'नेशनल पापुलेशन रजिस्टर' को अपडेट करने की जरुरत - गृह मंत्रालय की रिपोर्ट
पूरे देश में 'नेशनल पापुलेशन रजिस्टर' को अपडेट करने की जरुरत - गृह मंत्रालय की रिपोर्ट
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नई दिल्ली: केंद्रीकृत डाटा प्रबंधन (centralized data management) के लिए जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार एक बिल ला सकती है, वहीं गृह मंत्रालय ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में पूरे देश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) डेटाबेस को अपडेट करने की जरूरत पर जोर दिया है। 2021-22 के लिए मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी की वजह से NPR अपडेशन और अन्य संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया था। मगर अब NPR डेटाबेस को अपडेट किया जाएगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, इसमें सेल्फ अपडेटिंग प्रक्रिया भी शामिल होगी, जिसमें निवासी NPR डेटा को पेपर फॉर्मेट और मोबाइल मोड में कुछ प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद अपडेट कर पाएंगे। अभ्यास के दौरान प्रत्येक परिवार और व्यक्ति के जनसांख्यिकीय और अन्य डिटेल्स अपडेट की जानी है। अपडेट के दौरान कोई डाक्यूमेंट्स या बायोमेट्रिक्स एकत्र नहीं किया जाएगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने पहले ही इस उद्देश्य के लिए 3,941 करोड़ रुपये राशि की स्वीकृति दे दी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक MHA समेत तमाम अधिकारियों द्वारा कुल 1,414 नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें से 1,120 को धारा 5 के तहत पंजीकरण और 294 को नागरिकता अधिनियम-1955 की धारा 6 के तहत स्वीकृति दी गई है।'

सालाना रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई या पारसी समुदायों के सदस्यों के बारे में पंजीकरण में भारतीय नागरिकता देने की अपनी शक्तियों को 29 जिलों के कलेक्टरों और नौ राज्यों के गृह सचिव को सौंप दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल (शक्तियों का) उपरोक्त श्रेणी के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया को तेज करेगा, क्योंकि स्थानीय स्तर पर फैसला लिया जाएगा।

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