'स्कैन करो और UCC के खिलाफ विरोध दर्ज कराओ..', मस्जिदों के बाहर लगे QR कोड, लोग बोले- बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे
'स्कैन करो और UCC के खिलाफ विरोध दर्ज कराओ..', मस्जिदों के बाहर लगे QR कोड, लोग बोले- बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे
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लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के बयान और विधि आयोह द्वारा समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) को लेकर आम जनता से राय मांगने के बाद से यह मुद्दा सुर्ख़ियों में है। वहीं, कुछ मुस्लिम संगठन इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इसका विरोध करने के लिए अब तकनीक की मदद भी ली जा रही है। बरेली में मस्जिद के बाहर Bar Code लगा दिया गया है। इसे स्कैन कर मुस्लिम समुदाय के लोग UCC के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं। बता दें कि दो दिन पहले मुंबई से भी ऐसी ही खबर आई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के बरेली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्यों ने मस्जिद के बाहर QR कोड लगाया है। इसे लगाने का मकसद है कि मस्जिद में नमाज पढ़ने आने वाले मुस्लिम इसे मोबाइल से स्कैन कर UCC पर अपना विरोध दर्ज करा सकें। जमीयत ने कहा है कि UCC इस्लाम के शरीया कानून के विरुद्ध है। इसलिए मुसलमान इसका विरोध करते हैं। बता दें कि, अकेले जमीयत उलेमा-ए-हिंद ही UCC विरोध नहीं कर रहा है, बल्कि ज्यादातर इस्लामी संगठन इसके खिलाफ हैं। मुस्लिमों के संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने को धमकी देते हुए यहाँ तक कहा है कि वह देश में समान नागरिक संहिता को कभी लागू नहीं होने देगा।

बरेली की मस्जिद में नमाज पढ़ने आए मुस्लिमों का कहना है कि UCC इस्लामी कानून शरीयत के खिलाफ है। मुसलमान इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि आजादी से पहले ही मुस्लिमों को कुछ नियम-कानून दिए गए हैं। मुस्लिम उन्हीं नियमों का पालन करते हैं। एक नमाजी ने कहा कि UCC से मुस्लिम ही नहीं, बल्कि काफी सारी जातियाँ प्रभावित होंगी। यह गलत है। हिंदू कानून अलग है। जैन कानून अलग है। इसी प्रकार मुसलमान भी अपने नियमों का पालन करते हैं। UCC को कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा।

बता दें कि, इससे पहले लखनऊ और मुंबई में UCC के विरोध में मस्जिदों के बाहर बार कोड लगाए गए थे। मुंबई शहर के मलाड इलाके के पठानवाड़ी में स्थित नूरानी मस्जिद में भी इसी तरह का बार कोड लगाया गया है। इसकी जानकारी मिलते ही इलाके की पुलिस नूरानी मस्जिद पहुँची थी और मस्जिद से संबंधित लोगों को थाने बुलाया था। थाने में उनसे पूछताछ की गई थी। इस क्रम में पूर्व नगर सेवक अहमद जमाल ने बताया कि मुस्लिमों को समान नागरिक संहिता कतई स्वीकार नहीं है। बता दें कि AIMPLB और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के साथ ही, इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने भी एक देश एक कानून का पुरजोर विरोध किया है। रजा ने कहा कि UCC ड्राफ्ट आने के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। 

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