भारत का हर राज्य कोरोना से मुकाबला करने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रहा है. वही, भारतीय राजस्व सेवा संघ (IRSA) ने COVID-19 महामारी से निपटने के लिए अपने सदस्यों के एक दिन के वेतन को प्रधान मंत्री राहत कोष में योगदान करने का प्रस्ताव पारित किया है. एक बयान में, एसोसिएशन ने कहा कि उनके अधिकारी अपनी व्यक्तिगत क्षमता से किसी को क्या मदद दे रहे हैं, इससे हटके हमने यह महसूस किया कि आईआरएस को भी सेवा के रूप में सामूहिक रूप से योगदान देना चाहिए और COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में साथ आना चाहिए.
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माना जा रहा है कि एसोसिएशन ने अपने सदस्यों को COVID-19 से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में सभी आईआरएस अधिकारियों द्वारा योगदान देने के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया भेजने के लिए कहा था. जहां प्रतिक्रिया सकारात्मक" थी, जिसमें कई लोग इस राष्ट्रीय चुनौती के खिलाफ अपने क्षेत्राधिकार में प्रयासों के लिए उच्च योगदान देने की मांग कर रहे थे.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चिंताजनक हालात जैसी किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के उद्देश्य से एक विशेष राष्ट्रीय कोष बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और इससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 'आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)' के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया है. प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने इस कोष में लोगों से दान देने की अपील की है. उनकी अपील का त्वरित असर दिखा.
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