'भारत अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक', तवांग में बोले राजनाथ सिंह
'भारत अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक', तवांग में बोले राजनाथ सिंह
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नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार (24 अक्‍टूबर) को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजन किया तथा चीन के साथ बॉर्डर के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में सेना के जवानों के साथ विजय दशमी पर्व मनाया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा भी की तथा अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के साथ सीमा की रक्षा करने के लिए जवानों की प्रशंसा की। 

रक्षा मंत्री स‍िंह ने बुम-ला और कई अन्य अग्रिम चौकियों का न‍िरीक्षण भी क‍िया। तत्पश्चात, सैनिकों के साथ चर्चा की। उन्‍होंने कहा क‍ि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश के सैन्य कौशल को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा क‍ि आप कठोर हालातों में जिस प्रकार से बॉर्डर की रक्षा और सुरक्षा कर रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। उन्‍होंने कहा क‍ि देशवासियों को आप पर गर्व है। आपके कारण देश और लोग सुरक्षित हैं।  

तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा करने के बाद के बाद स‍िंह ने कहा कि विजय दशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों की 'धार्म‍िकता और धर्म' को विजयदशमी के त्योहार के लोकाचार का जीवंत प्रमाण बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की वीरता एवं प्रतिबद्धता वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद के पीछे मुख्य वजहों में से एक है तथा यह अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। राजनाथ सिंह ने आर्थिक क्षेत्र में भारत की कामयाबी को देश की बढ़ती वैश्विक छवि के कारणों में से एक बताया। साथ ही यह भी कहा कि अगर सशस्त्र बलों ने देश की सीमा की प्रभावी ढंग से रक्षा नहीं की होती, तो इसका कद नहीं बढ़ता। 

रक्षा मंत्री ने कहा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास रणनीतिक रूप से अहम स्थान पर जवानों के साथ विजय दशमी ऐसे वक़्त मनाई है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ जगहों पर 3 वर्ष से ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है। वहीं देखा जाए तो दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के पश्चात् कई क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। बीते कई वर्षों से विजय दशमी के चलते 'शस्त्र पूजा' करते रहे हैं। एडीए सरकार में गृह मंत्री रहते हुए भी राजनाथ स‍िंह दशहरे के द‍िन 'शस्त्र पूजा' किया करते थे।  

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