भारत के राज्य राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. कोटा के जेकेलोन अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है.वहीं राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कहा कि बच्चों की मौत के कई कारण इनमें तेज ठंड,बच्चों का प्रीमैच्योर (समय से पहले जन्म), बर्थ वेट कम होना या फिर किसी बच्चे को दूर अन्य अस्पतालों से रेफर होने पर जेकेलोन में लाने तक परिजनों द्वारा सतर्कता नहीं बरतना शामिल है.
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अपने बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गई जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसरों की टीम ने सरकार को जो रिपोर्ट दी है उसमें उपचार में कोई कमी नहीं बताई गई. जिला प्रशासन की रिपोर्ट में भी बच्चों के उपचार में कोई लापरवाही नहीं बरतने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि कोटा संभागीय मुख्यालय है,यहां बूंदी, बारां और झालावाड़ जिलों के बच्चे उपचार के लिए भर्ती होते हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जिन बच्चों की दिसंबर माह में मौत हुई उनमें से करीब आधे अन्य जिलों के निजी अथवा सरकारी अस्पताल से रेफर हो गए जेकेलोन में लाए गए थे. उन अस्पतालों से जेकेलोन लाया गया तो बच्चों की स्थिति गंभीर थी. टीम ने रिपोर्ट दी है कि तेज ठंड के कारण 23 से 28 दिसंबर तक कमजोर बच्चे बेहद गंभीर हालत में अस्पताल लाए गए थे, ऐसे ही बच्चों की मौत हुई.अस्पताल अधीक्षक संजय दुलारा ने कहा कि सभी वार्डों में आवश्यक प्रबंध पहले से ही है. अब और अधिक ध्यान दिया जा रहा है.
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