लखनऊ: हाल ही में इस साल की पहली तिमाही में सरकारी बैंकों में करीब 31800 करोड़ रुपये से ज्यादा के फ्रॉड हुए हैं. जिन बैंकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, उनमें भारतीय स्टेट बैंक और इलाहाबाद बैंक प्रमुख हैं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बात की जानकारी राज्य सभा में दी.
एसबीआई में हुए 1197 धोखाधड़ी के केस:
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केवल स्टेट बैंक ने ही धोखाधड़ी के 1197 केस दर्ज हुए हैं. इस वजह से बैंक को करीब 12,012.79 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.
वहीं दूसरे स्थान पर इलाहाबाद बैंक रहा, जिसमें 381 केस दर्ज किए. बैंक को इससे 2855.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
तीसरे स्थान पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया रहा, जिसमें 194 केस दर्ज किए. बैंक को इससे 1982.27 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.
चौथे, पांचवे पर पीएनबी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र
जंहा वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि चौथे स्थान पर पंजाब नेशनल बैंक रहा, जिसने फ्रॉड के 99 केस दर्ज किए. इससे बैंक को करीब 2526.55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वहीं पांचवे स्थान पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र रहा, जिसने फ्रॉड के 85 मामलों को दर्ज किया. बैंक को 253.43 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश के सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच कुल 958 अरब रुपये के घोटालों की शिकायतें दर्ज कराई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.वित्त मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि सरकारी बैंकों ने छह महीने के इस अंतराल में घोटाले व धोखाधड़ी के 5743 शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें से ज्यादातर मामले पिछले सालों में हुई गड़बड़ियों के हैं. वित्त मंत्री के मुताबिक, इस साल 1000 मामलों में 25 अरब रुपये का घोटाला हुआ है.
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