भारत की राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर के विरोध में जंतर मंतर पर प्रदर्शन जारी है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर जारी विरोध प्रदर्शनों में राजनीतिक नेताओं और प्रमुख वक्ताओं के भाषणों की सामग्री और उनकी गतिविधियों पर सावधानी से नजर रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है. ताकि केंद्र सरकार के खिलाफ फैल रही नफरत को रोका जा सके, खासतौर पर जो भारत के विभाजन की बात करते हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि याचिका अधिवक्ता अमित साहनी ने दाखिल की है. कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग की बंदी के खिलाफ उन्होंने पहले से ही एक याचिका दाखिल कर रखी है. नई याचिका में साहनी ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के भड़काऊ भाषणों का भी जिक्र किया है जिस पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.
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इसके अलावा शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बीच घुसे एक शख्स ने बंदूक लहराकर उन्हें हटने को कहा है और ऐसा न करने पर बुरे परिणाम की धमकी दी. इस दौरान वहां हंगामा मच गया. हालांकि, लोगों की भीड़ ने उसे अपने काबू में कर लिया और मामला तब जाकर शांत हुआ. पुलिस ने बंदूक को जब्त कर लिया है.
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