गंगटोक: सिक्किम के पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग के 24 वर्ष के लंबे शासनकाल को समाप्त करते हुए पी एस गोले के रूप में जाने जाने वाले प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के नये क्षत्रप बन कर सामने आए हैं. हाल ही में संपन्न हुए प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 17 सीटों पर जीत मिली हैं. सिक्किम में विधानसभा की कुल 32 सीटें हैं.
चामलिंग की अगुवाई वाले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के संस्थापक सदस्य रहे गोले ने पूर्व सीएम के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का गठन किया था. उन्होंने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था. पार्टी के गठन के अगले ही वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम ने 10 सीटें हासिल की थी. हालांकि, भ्रष्टाचार के एक मामले में अपनी दोषसिद्धि के मद्देनजर चुनाव अधिकारियों द्वारा नामांकन रद्द किए जाने के खौफ से गोले ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया.
नेपाली माता-पिता कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे गोले पांच फरवरी 1968 को जन्मे थे. गोले ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से स्नातक किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर काम करना आरंभ किया. समाज सेवा के लिए उन्होंने तीन वर्ष की सेवा के बाद सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और बाद में एसडीएफ में शामिल हो गये. गोले की तीन दशक का सियासी सफर घटनापूर्ण रहा है. वह 1994 से लेकर लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए और 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के रूप में कार्यरत रहे.
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