नई दिल्ली: बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड (BE) की कोरोना वैक्सीन CORBEVAX का उपयोग अब कोरोना की बूस्टर डोज के तौर पर किया जा सकेगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 18 वर्ष से ऊपर के लोग, जो कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुकें हों, उन्हें यह वैक्सीन बूस्टर डोज के रूप में लगाई जाएगी। इसके लिए भारत सरकार की तरफ से इजाजत प्राप्त हो गई है।
वही इससे पहले आपातकालीन हालत में CORBEVAX के उपयोग के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंजूरी दे दी थी। DCGI ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके 18 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को आपातकालीन स्थिति में CORBEVAX को बूस्टर डोज के तौर पर उपयोग करने की अनुमति थी।
हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल एवं वैक्सीन कंपनी बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड ने कहा कि BE की CORBEVAX भारत में निर्मित पहली वैक्सीन है, जिसे विषम परिस्थितियों में कोरोना बूस्टर के तौर पर अनुमति प्राप्त हुई है। बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा था कि DCGI के इस फैसले से भारत में कोरोना की बूस्टर डोज की कमी पूरी होगी। इसके साथ ही हमने अपने कोरोना टीकाकरण में एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। मिल रही खबर के अनुसार, BE ने भारत सरकार को CORBEVAX की 100 मिलियन बूस्टर डोज प्रदान कराई हैं। CORBEVAX पूरी तरह से बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड द्वारा टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल एवं बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन की मदद से तैयार की गई है।
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