नवाज़ को फिर 'शरीफ' साबित करेगी पाकिस्तानी अदालत ! बनेंगे PM, पहले भ्रष्टाचार के मामले में हुई थी जेल, अब जब्त संपत्ति मिलेगी वापस
नवाज़ को फिर 'शरीफ' साबित करेगी पाकिस्तानी अदालत ! बनेंगे PM, पहले भ्रष्टाचार के मामले में हुई थी जेल, अब जब्त संपत्ति मिलेगी वापस
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इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी देश बना पाकिस्तान शुरू से ही अजीब रहा है। इस देश के हर प्रधानमंत्री का विवादों से नाता रहा है, उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, कई बार सजा भी मिली है और हत्याएं भी हुई हैं। लेकिन, नवाज़ शरीफ शायद पहले ऐसे पीएम हैं, जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, कोर्ट ने सजा भी सुनाई, वो देश छोड़कर भागे भी, 4 साल तक विदेश में रहे, लेकिन अब वापस आकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए तैयार हैं। मजे की बात तो ये है कि, जिन अदालतों ने नवाज़ को सजा सुनाई थी, जेल भेजा था, वो अब वापस नवाज़ को 'शरीफ' साबित करने की कोशिश में लग गई हैं। 

दरअसल, पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को अधिकारियों को 2020 में पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ से जब्त की गई सभी संपत्तियों और परिसंपत्तियों को जारी करने का आदेश दिया है। इस्लामाबाद कोर्ट के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने 73 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो नवाज़ शरीफ के खिलाफ तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई की, जो लंदन में लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटे थे। न्यायाधीश ने 3 बार के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों, वाहनों और बैंक खातों को वापस करने का आदेश जारी किया है, जिन्हें 2020 में तोशाखाना मामले की सुनवाई के दौरान एक अदालत के आदेश पर जब्त कर लिया गया था। तोशाखाना मामले में अपराधी घोषित होने के बाद 2020 में नवाज़ से 1,650 नहरों (लगभग 0.8 वर्ग किमी) से अधिक कृषि भूमि, एक मर्सिडीज बेंज कार, एक लैंड क्रूजर और अन्य वाहन जब्त कर लिए गए थे। 

बता दें कि, तोशाखाना मामले में सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा जवाबदेही अदालत को एक रिपोर्ट सौंपने के बाद अदालत ने जब्ती का आदेश दिया था, जिसमें नवाज़ की चल और अचल संपत्ति का पूरा विवरण दिया गया था। नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तान से भागकर लंदन में लगभग चार साल गुजारे और सत्ता की सुगंध आते ही, 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौट आए। गौर करें कि, नवाज़ शरीफ को एवेनफील्ड अपार्टमेंट और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया था और जेल की सजा सुनाई गई थी, कुछ दिन जेल में रहने के बाद नवाज़ ने बीमारी का नाम लेकर लंदन में इलाज कराने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने उन्हें 4 हफ्तों में इलाज कराकर वापस लौटने का आदेश दिया था, लेकिन नवाज़ 4 साल तक लंदन में ही डेरा जमाए रहे, एक तरह से वे फरारी ही काट रहे थे, क्योंकि उन्हें पता था कि पाकिस्तान लौटते ही उन्हें वापस जेल में ठूंस दिया जाएगा। 

लेकिन, इमरान खान से जब पाकिस्तानी सेना का मोहभंग हुआ, तो अब इमरान जेल में पहुँच गए और नवाज़ के भाई शाहबाज़ शरीफ ने गद्दी संभाल ली। अब शाहबाज़ शरीफ भ्रष्टाचार मामले में दोषी साबित हो चुके अपने भाई को प्रधानमंत्री बनाने को तैयार हैं। इसका मतलब है कि, अब कोर्ट से लेकर पाकिस्तानी सेना तक सब, नवाज़ को धीरे-धीरे 'शरीफ' यानि बेगुनाह साबित करेगी और फिर कुर्सी पर बिठाएगी। कोर्ट ने उनकी जब्त संपत्ति वापस करने का आदेश तो दे ही दिया है। 
 
वैसी इसकी शुरुआत नवाज़ के पाकिस्तान आने से पहले ही हो गई थी। शरीफ के पाकिस्तान आगमन से पहले, उनकी कानूनी टीम ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में 24 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दे दी, लेकिन भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने तोशाखाना मामले में उनके गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया। 24 अक्टूबर को, शरीफ ने न्यायाधीश बशीर की जवाबदेही अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और न्यायाधीश द्वारा अदालत कक्ष में उनकी उपस्थिति देखने के बाद उन्हें जाने की अनुमति दी गई।

सुनवाई के दौरान एनएबी अभियोजक ने दलील दी कि शरीफ ने आत्मसमर्पण कर दिया है, इसलिए उनका गिरफ्तारी वारंट रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ''अगर वारंट रद्द कर दिया जाए तो मुकदमा आगे बढ़ सकता है।'' बाद में न्यायाधीश ने 10 लाख रुपये के मुचलके पर मामले में शरीफ की जमानत की पुष्टि की। मामले की सुनवाई 20 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों के दौरान PML-N का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को राष्ट्रीय चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया था।

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