सीएम उद्धव ठाकरे की महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह मजदूरी बचाने के लिए गन्ना मजदूर महिलाओं द्वारा अपनी कोख निकलवाने की घटनाओं के मामले में हस्तक्षेप करें. राउत का कहना है कि मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बड़ी संख्या में गन्ना श्रमिक हैं जिनमें खासी तादाद महिलाओं की है.
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मंगलवार को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि कुदरती माहवारी के चलते बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम पर नहीं आ पाती हैं. काम से गैर मौजूदगी के कारण उन्हें उस दिन की मजदूरी नहीं मिलती. इस दोहरी मुसीबत से बचने के लिए वे अपनी कोख ही निकलवा देती हैं ताकि माहवारी ही न हो और वे अपने काम को बदस्तूर जारी रख सकें. इसके अलावा राउत का कहना है कि ऐसी महिलाओं की संख्या करीब 30,000 है. गन्ने का सीजन छह महीने का होता है और इन महीनों में अगर गन्ना पेराई मिलें प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने को राजी हो जाएं तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश दें. नितिन राउत के पास पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय हैं. वही, स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस खेल में मजूदरों के ठेकेदार और अस्पताल भी शामिल हैं. महिलाओं को फंसाने के लिए ये लोग एक कुचक्र बुनते हैं.ठेकेदार इन महिलाओं को आपरेशन के लिए उकसाता है और इसके लिए पेशगी तक दे देता है. अब इस रकम को वह हर महीने उनकी तनख्वाह में से काट लेता है. इसमें करीब 35 से 30 हजार रुपये का खर्चा होता है.
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