शनिवार को पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि जब संसद खराब कानून बनाती है तो उसका अंत किसी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में होता है और जजों को वह काम करना पड़ता है जो सांसदों को करना चाहिए.
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अपने बयान में 'संसद-2020' नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि अच्छे कानून तब बनते हैं जब संसद और विधानसभाएं वर्तमान शासक के विचारों का अनुमोदन नहीं करतीं. लोकतंत्र में लोगों की सहमति और लोगों की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है. राज्यसभा के पूर्व सभापति ने कहा कि पहले संसद 10 दिनों के लिए बैठती थी, अब साल में 60 दिन के लिए बैठती है जबकि अन्य देशों में विधायिका की बैठकें 120 से 150 दिनों के लिए होती हैं.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोई भी कानून या नियम बनाने के लिए उस पर चर्चा के लिए काफी समय की जरूरत होती है, लेकिन संसद और विधानसभाओं के सत्र आज रस्म अदायगी भर रह गए हैं जहां आप मिलते हैं, कुछ चीजें कहते हैं, कुछ दिन साथ रहते हैं और चले जाते हैं. अंसारी ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में सलाह-मशविरे की प्रक्रिया निष्पक्ष और खुली होनी चाहिए.
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