आखिर कैसे मिलेगी दरिंदों को फांसी, जब फांसी देने वाला ही नहीं है....
आखिर कैसे मिलेगी दरिंदों को फांसी, जब फांसी देने वाला ही नहीं है....
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भोपाल: मध्य प्रदेश की जेलों में लगभग 28 ऐसे कैदी बंद हैं, जिन्हें निचली अदालत फांसी की सजा सुना चुकी है. इनमें से ज्यादातर अपराधी दुष्कर्म के आरोपी हैं. ऐसे में अब जब निचली अदालतों ने इन अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई है, तो सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि इन्हें फांसी देगा कौन, क्योंकि राज्य की किसी भी जेल में एक भी जल्लाद नहीं है. 

उल्लेखनीय है कि राज्य में 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा का प्रावधान है. जिसके तहत दुष्कर्म के कुछ मामलों में निचली अदालतें फांसी की सजा की घोषणा भी कर चुकी हैं, जिसके बाद इन फैसलों के खिलाफ आरोपी उच्च न्यायालय चले गए. वहीं इससे पहले जब मध्य प्रदेश में जल्लाद न होने की बात बढ़ी तो पूर्व जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा था कि 'मध्यप्रदेश में जल्लाद नहीं है, दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्द की जल्लाद की नियुक्ति की जाएगी.' 

किन्तु अब जब शिवराज सरकार जा चुकी है और प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बन चुकी है तो प्रश्न यह उठता है कि वर्तमान सरकार का जल्लादों की नियुक्ति पर कब ध्यान दिया जाएगा. आपको बता दें कि राज्य की विभिन्न जेलों में कुल 28 ऐसे कैदी बंद हैं, जिन्हें फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. इनमें से 11 कैदी केंद्रीय जेल इंदौर में, 9 जबलपुर केंद्रीय जेल में, 4 भोपाल केंद्रीय जेल में, 3 ग्वालियर केंद्रीय जेल में और 1 कैदी उज्जैन केंद्रीय जेल में बंद है.

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