शिमला : कारगिल युद्ध में भाग ले चुके एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने गुरुवार को दावा करते हुए कहा है कि टाइगर हिल पर फिर से कब्जा कर लेने के दूसरे दिन ही सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए पीएम मोदी वहां गए थे. भाजपा नेता एवं ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) कुशाल ठाकुर ने कहा कि मोदी का टाइगर हिल का दौरा करना राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उस समय भी उनकी चिंता को प्रदर्शित करता है, जब वह किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं थे.
ठाकुर ने प्रेस वालों से कहा है कि मोदी न तो उस समय प्रधानमंत्री थे और न ही गुजरात के सीएम, जब वह पांच जुलाई 1999 को (इसको कब्जे में लेने के एक दिन बाद) टाइगर हिल पहुंचे थे. ठाकुर उस वक़्त 18 ग्रेनेडियर्स के कमांडिंग ऑफिसर थे, जिसने रणनीतिक चोटियों को वापस अपने कब्जे में किया था. ठाकुर ने बताया है कि उस वक़्त मोदी हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे.
भाजपा नेता ने दावा करते हुए कहा है कि देश ने पीएम मोदी के पांच साल के शासनकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति में काफी परिवर्तन देखा. भगवा पार्टी की आतंकवाद के खिलाफ ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के जरिए "साबित" हुई. उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध के समय हिमाचल प्रदेश के 52 सैनिकों ने अपना बलिदान दिया और उनमे से दो को देश के सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया गया.
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