इस मामले को लेकर केरल बॉर एसोसिएशन से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
इस मामले को लेकर केरल बॉर एसोसिएशन से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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देशव्यापी कोरोना संकट के बीच केरल उच्च न्यायालय ने,  केरल एडवोकेट्स वेलफेयर फंड ट्रस्ट के जो सदस्य नहीं हैं उन्हें भी सामान्य रूप से एडवोकेट के कल्याण के लिए धन वितरित करने के अपने प्रस्ताव का विवरण बताते हुए केरल बार काउंसिल को बयान जारी करने का निर्देश दिया है. जस्टिस ए के जयशंकरन नांबियार और शाजी पी चैली की खंडपीठ ने एक याचिका पर ये आदेश दिया है. ये याचिका बार काउंसिल ऑफ केरल के सदस्य और एडवोकेट पी अबू सिद्दीक द्वारा दायर की गई थी. मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी. 

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केरल उच्च न्यायालय ने कोल्लम जिले के नेंदपना में मुफ्त भोजन वितरित करने की अनुमति देने वाली याचिका पर भी सुनवाई की थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि लोगों को सीओवीआईडी -19 लॉकडाउन के दौरान स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उच्च न्यायालय ने कहा कि लॉकडाउन में किसी को स्वतंत्र घूमने की अनुमति नहीं दी जा सकती. अदालत ने कहा कि अगर कर सकते हैं तो राज्य सरकार के साथ मिलकर खाना वितरित करने के लिए काम करें.

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अपने बयान में अदालत ने कहा कि अगर कर सकते हैं तो राज्य सरकार के साथ मिलकर खाना वितरित करने के लिए काम करें. कोर्ट ने कहा कि सभी को सरकारी द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करना होगा इस वक्त कोई भी व्यक्ति संवतंत्र रुप से काम नहीं कर सकता है. यदि ऐसा नहीं किया गया तो सभी रेंस्तरां भी खुल जाएंगे. दरअसल, अदालत में दायर याचिका में जरूरतमंदों को भोजन वितरित करने की अनुमति मांगी गई थी. 

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