केरल हाई कोर्ट ने किसानों को दी 'जंगली सुअरों' को मारने की इजाजत, जानें पूरा मामला
केरल हाई कोर्ट ने किसानों को दी 'जंगली सुअरों' को मारने की इजाजत, जानें पूरा मामला
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वायनाड: फसल नष्ट करने वाले जंगली सुअरों से किसान को राहत पहुंचाने के लिए केरल उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया है। उच्च न्यायालय ने फसल बर्बाद करने वाले जंगली सुअरों को मारने के लिए किसानों को इजाजत दे दी है। उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश पारित किया। 

उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन किसानों को जंगली सुअरों को मारने का आदेश दे सकते हैं। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 11/1/बी के तहत फसल को नष्ट करने वाले जंगली सुअरों को मारा जा सकेगा। केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीबी सुरेश कुमार ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार को लताड़ लगाई है। न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय को यह अंतरिम आदेश इसलिए देना पड़ा क्योंकि प्रदेश की पूरी मशीनरी जंगली जानवरों से किसानों के फसल की बर्बादी रोकने में बिल्कुल नाकाम साबित हुई है। 

अदालत ने आगे कहा कि राज्य मशीनरी किसानों की बर्बादी रोकने में नाकाम साबित हुई है, इसलिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन को यह आदेश दिया जाता है कि वह खेतों में फसलों को बर्बाद करने वाले जंगली सुअरों को मारने की इजाजत किसानों को दें। एक महीने के अंदर इस आदेश का अनुपालन कराकर रिपोर्ट करें। अदालत ने यह आदेश किसानों की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर दी है। किसानों की तरफ से एडवोकेट एलेक्स एम.स्कारिया और अमाल दर्शन पेश हुए थे। 

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