बंगलोर: देश में कोरोना संक्रमण के केस बढ़कर 4 लाख 90 हजार हो चुके हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने भी कह दिया है कि जब तक कोरोना की दवा नहीं बनती तब तक हमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग करके ही खुद का बचाव करना होगा। जाहिर है कि देश में बढ़ते कोरोना मामलों के साथ मास्क की भी डिमांड बढ़ी है। काफी सारे लोग मास्क बनाने का काम जुटे हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान भी शामिल हैं। यहां तक पुलिसकर्मियों ने भी मास्क सिलने का कार्य किया है।
ताजा मामला कर्नाटक से सामने आया है जहां एक 10 वर्षीय बच्ची ने अपने एक हाथ से मास्क सिले और कुछ छात्रों में बाटें। सोशल मीडिया पर बच्ची के जज्बे की जमकर प्रशंसा हो रही है। ‘एएनआई’ की रिपोर्ट के अनुसार, ’10 वर्षीय सिंधुरी उडुपी की रहने हैं। वह दिव्यांग है। इसके बाद भी उन्होंने अपने एक हाथ से मास्क सिलकर जरुरतमंदों में वितरित किए हैं। दरअसल, सिंधुरी ने गुरुवार को यह मास्क SSLC की परीक्षा देने आए छात्रों को बांटे।’
रिपोर्ट के अनुसार, सिंधुरी कई मास्क सिल चुकी हैं। वो भी केवल अपने एक हाथ से। दरअसल, जब सिंधुरी का जन्म हुआ, तो उनके बाएं हाथ की कोहनी के नीचे का हिस्सा नहीं था। किन्तु उन्होंने अपनी इस शारीरिक कमी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने लोगों के लिए मास्क बनाए। सिंधुरी छठी कक्षा में पढ़ती हैं और एक स्काउट एंड गाइड हैं जिनका लक्ष्य, एक लाख लोगों के लिए मास्क तैयार करना है।
ट्रेन टिकट कैंसिल करना हुआ बेहद आसान, बस एक फ़ोन पर हो जाएगा आपका काम
भारतीय शेयर बाजार में आई बहार, सेंसेक्स 35 हजार अंक के पार
चार साल बाद प्रॉफिट में आया ये बैंक, RBI ने लगा रखी है पाबन्दी