नहीं रही करगिल युद्ध के हीरो विक्रम बत्रा की मां, सीएम सुक्खु ने जताया शोक
नहीं रही करगिल युद्ध के हीरो विक्रम बत्रा की मां, सीएम सुक्खु ने जताया शोक
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कांगड़ा: करगिल युद्ध के हीरो रहे विक्रम बत्रा की मां कमल कांत बत्रा का देहांत हो गया है। 77 वर्षीय कमल कांत बत्रा AAP की पूर्व नेता भी थीं। बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कमल कांत बत्रा ने आखिरी सासं ली। कमल कांत बत्रा के निधन पर हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु ने अपनी संवेदना जाहिर की है। X पर मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह ने लिखा, 'शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा जी की माता श्रीमती कमलकांत बत्रा जी के निधन की दु:खद खबर प्राप्त हुई। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माता जी को श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को अपार दुःख सहने की क्षमता दें। ॐ शांति!'

कमल कांत बत्रा वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वर्ष 2014 में वो AAP में थीं। हालांकि, कुछ वक़्त पश्चात् पार्टी से असंतुष्ट होकर कमल कांत बत्रा ने इस्तीफा दे दिया था। कमल कांत बत्रा के बेटे कैप्टन विक्रम बत्रा को 'शेर शाह' के तौर पर भी जाना जाता है। सिर्फ 24 वर्ष की आयु में 7 जुलाई, 1999 के दिन वो देश की सेवा करते-करते शहीद हो गए थे। करगिल युद्ध में पाकिस्तानियों के साथ लड़ाई में विक्रम बत्रा शहीद हुए थे। करगिल युद्ध में अपनी साहस एवं दम के बल पर दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले विक्रम बत्रा को परम वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया था। उनके अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें 'टाइगर ऑफ द्रास', 'करगिल का शेर' तथा 'करगिल हीरो' जैसे कई अन्य नाम भी दिए गए।

विक्रम बत्रा ने जीत का जो स्लोगन दिया था 'ये दिल मांगे मोर' यह भी बहुत मशहूर हुआ। विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर, 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर जिले में हुआ था। कैप्टन विक्रम बत्रा ने DAV Public School से पढ़ाई की तथा फिर केंद्रीय विद्यालय से सीनियर सेकेंड्री की पढ़ाई हासिल की। चंडीगढ़ में उन्हें उच्च शिक्षा हासिल की थी। इसी के चलते उन्होंने NCC के एयर विंग को ज्वाइन किया था। विक्रम बत्रा ने जून 1996 में Indian Military Academy (IMA)ज्वाइन की थी। वर्ष 1999 में उन्हें कमांडो कोर्स के लिए कर्नाटक भेजा गया था। यहां उन्हें पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। उन्होंने लेफ्टिनेंट के तौर पर अपनी सेवा आरम्भ की थी तथा जल्द ही कैप्टन बन गए। 

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