कहाँ गया केंद्र द्वारा दिया गया मिड डे मील का पैसा ? फंसी झारखंड सरकार
कहाँ गया केंद्र द्वारा दिया गया मिड डे मील का पैसा ? फंसी झारखंड सरकार
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रांची: झारखंड में राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 की मिड डे मील योजना की रकम अब तक खर्च नहीं की गई है। अब आगामी वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र से पैसे किस तरह मांगे जाएं, इसे लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार असमंजस में है। राज्य सरकार कुकिंग कॉस्ट की रकम से फूड पैकेट तैयार कर देने के लिए फिलहाल टेंडर की प्रक्रिया आरंभ की है। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण 17 मार्च 2020 से स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना बंद थी। बच्चों को मिड डे मील का चावल घरों में उनके घरों तक भेजा जा रहा था। 

उसके साथ ही कुकिंग कॉस्ट की राशि बच्चों को प्रदान की जानी थी। चार फरवरी 2022 से अब वापस स्कूलों में मिड डे मील बनना शुरू हुआ है। राज्य के पहली से पांचवीं में लगभग 21 लाख बच्चे और छठी से आठवीं में 12 लाख विद्यार्थी हैं, जिन्हें मिड डे मील का लाभ मिलता है। पहली से पांचवीं के बच्चों के लिए कुकिंग कॉस्ट 4.95 रुपये और छठी से आठवीं के लिए 7.45 रुपये तय की गई है। स्कूल बंद रहने के दौरान वह राशि बच्चों को प्रदान की जानी थी, मगर वर्तमान वित्तीय वर्ष की न तो राशि दी जा सकी है और न ही उसके सामान ही खरीद के दिए गए हैं। 17 मार्च 2020 से मध्याह्न भोजन बनना स्कूलों में बंद हुआ ,तो झारखंड में सितंबर तक कुकिंग कॉस्ट की राशि का नगद भुगतान स्टूडेंट्स को किया गया। कम राशि दिए जाने की समस्या के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने फूड पैकेट तैयार कर देने का भी निर्देश दिया।

शुरुआत में फूड पैकेट स्कूलों के जरिए तैयार कर देना था, मगर सरकार ने बाद में राज्य स्तर पर फूड पैकेट तैयार कर स्कूलों में वितरित करवाने के लिए टेंडर निकाल दिया। इसके बाद अक्तूबर 2020 से मार्च 2021 की राशि बीते कुछ महीनों से बच्चों के बैंक अकाउंट में दी जा रही है। 33 लाख बच्चों में से 15 लाख बच्चों का बैंक अकाउंट न होने के कारण राशि नहीं मिल सकी तो राज्य सरकार ने उन्हें नगद राशि देने का फैसला लिया है। अब सरकार ने अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक के कुकिंग कॉस्ट की राशि से फूड पैकेट देने के लिए फिर से टेंडर निकाला है।

बता दें कि मिड डे मील योजना को लेकर केंद्र सरकार की प्रोजेक्ट एप्रुवल बोर्ड (PAB) की मीटिंग 23-24 मार्च को होगी। यह बैठक तीन मार्च को होने वाली थी, मगर इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई है। इसमें झारखंड सरकार 33 लाख बच्चों के लिए पैसों की मांग करेगी। साथ ही, किचन शेड मरम्मत, किचन के बर्तन, किचन गार्डेन तैयार करने का प्रस्ताव पुनः दिया जाएगा। पैक की बैठक के बाद महंगाई को देखते हुए कुकिंग कॉस्ट की राशि में भी वृद्धि की जा सकेगी।

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