केंद्र सरकार ने नोएडा, गौतम बुद्ध नगर में 'भारतीय विरासत संस्थान' स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह समृद्ध भारतीय विरासत और इसके संरक्षण से संबंधित क्षेत्र में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को प्रभावित करेगा, जिससे कला, संरक्षण, संग्रहालय विज्ञान, अभिलेखीय अध्ययन, पुरातत्व, निवारक संरक्षण, एपिग्राफी और न्यूमिज़माटिक्स, पांडुलिपि विज्ञान आदि के इतिहास में परास्नातक और पीएचडी पाठ्यक्रमों की ओर अग्रसर होगा।
साथ ही इन-सर्विस कर्मचारियों और भारतीय विरासत संस्थान के छात्रों के लिए संरक्षण प्रशिक्षण सुविधाएं। यह जानकारी संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
भारतीय विरासत संस्थान, देश में अपनी तरह का एक अकेला संस्थान, एक विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय होगा जो भारत की समृद्ध मूर्त विरासत में संरक्षण और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह अनुसंधान, विकास और ज्ञान के प्रसार, अपने छात्रों की शिक्षा में उत्कृष्टता और विरासत से जुड़ी गतिविधियों की पेशकश करेगा जो भारत के सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और आर्थिक जीवन में योगदान देता है।
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