नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 22 वर्ष पुराने ड्रग्स प्लांटिंग मामले के संबंध में गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट की याचिका ख़ारिज कर दी है. उन्होंने अपनी याचिका में अपने पति के खिलाक चल रही जांच को चुनौती दी थी. आईपीएस अफसर की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति को उच्चतम न्यायलय में याचिका दायर नहीं करने दी जा रही है.
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सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी कि पत्नी श्वेता भट्ट कि याचिका ख़ारिज करते हुए कहा है कि संजीव भट्ट अगर चाहें तो हाई कोर्ट जा सकते हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात सीआईडी ने 5 सितम्बर को गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी 1996 के केस में हुई है जिसमें राजस्थान के एक वकील को कथित तौर पर एक नशीले पदार्थों के मामले में फंसाया गया था. उस समय भट्ट बनासकांठा के एसपी थे.
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सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि, कोर्ट ने इस मामले में जांच का आदेश दिया था, गुजरात सीआईडी ने इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की,एसआईटी की जांच में पाया गया कि संजीव भट्ट ने वकील के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था. इसलिए हमने उनसे सवाल किए और 7 लोगों को हिरासत में लिया गया था. आपको बता दें कि पीड़ित वकील समर सिंह राजपुरोहित पर आरोप लगा था कि वह गुजरात के पलानपुर होटल में एक किलो अफीम के साथ पकड़े गए थे और इसलिए उनकी गिरफ्तारी हुई थी, हालाँकि राजपुरोहित ने बताया था कि घटना के वक़्त वे पाली में थे.
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