अखाड़ा परिषद बना बाबाओं के दंगल का मैदान
अखाड़ा परिषद बना बाबाओं के दंगल का मैदान
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लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं को लेकर बैठक की और बैठक में फर्जी बाबाओं की सूची पर चर्चा की। इस सूची में 14 फर्जी बाबाओं को लिस्टेड किया गया है। अब इन बाबाओं को कानूनी नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि रविवार को फर्जी बाबा घोषित किए गए सिद्धेश्‍वरी गुप्‍त महापीठ के महंत कुश मुनि की ओर से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी को ही कानूनी नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस कुश मुनि की वकील ज्योति गिरी के माध्यम से भेजा गया है।

जिसमें लिखा गया है कि आपने निराधार तथ्‍यों के आधार पर मेरे मुवक्किल आचार्य कुश मुनि को फर्जी बाबाओं की सूची में रखा है, ऐसा आपने मेरे मुवक्किल से बदला लेने के लिए किया है। यदि आप उनका नाम उस सूची से नहीं हटाते हैं तो आपके ऊपर मानहानि‍ का मुकदमा किया जाएगा। महंत कुश मुनि ने कहा कि मैं नरेंद्र गिरी के कहने से फर्जी नहीं हो जाउंगा वे स्वयं देख लें कि उनके अखाड़ों के कितने महंतों पर आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं, खुद नरेंद्र गिरी की छवि कोई अच्‍छी नहीं है। मैंने उनको नोटिस भेज दिया है। मैं न्यायालय में इनका सामना करूॅंगा।

फर्जी घोषित किए गए दूसरे बाबा बृहस्‍पति गिरी ने बरेली में कहा कि, कौन सिद्ध पुरुष है और कौन नहीं, ये नापने का आखाड़ा परिषद के पास क्‍या पैमाना है। इन्हें अधिकार नहीं है कि ये हमें फर्जी बाबा कह दें। ये किसी तरह का सर्टिफिकेट नहीं दे सकते हैं। दूसरी ओर कुछ विरोधियों का कहना है कि अखाड़ा परिषद के कुछ बाबा ऐसे हैं जो कि कथित तौर पर आपराधिक इमेज वाले रहे हैं। इन पर कार्रवाई नहीं की गई।

कुछ समय पूर्व तो सचिन दत्ता नामक व्यक्ति पर आरोप लगे थे कि वे पब व डिस्कोथेक चलाते हैं मगर इसके बाद भी अखाड़ा परिषद ने इस शख्स को महामंडलेश्वर तक बना दिया। इसके इतर अखाड़ा परिषद फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई करने जा रहा है। माना जा रहा है कि इन फर्जी बाबाओं को आने वाले अर्द्धकुंभ में शामिल होने से रोका जा सकता है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उक्त सूची सौंप देगा। जिसके बाद इन पर कार्रवाई हो सकती है। फर्जी बाबाओं में शामिल राधे माॅं को नासिक कुंभ में रोका जा चुका है। अखाड़ा परिषद देश में साधु संतों की सबसे बड़ी संस्‍था है। इसके अंतर्गत विभिन्न अखाड़े आते हैं और अखाड़ों के तहत साधु अपनी मान्यताओं के अनुसार रहते हैं।

इन अखाड़ों के नियम होते हैं जिसका पालन ये साधु संत करते हैं। मगर अब साधु संतों में आपसी विवाद की बातें सामने आ रही हैं। अखाड़ों से जुड़े और अखाड़ों से न जुड़ने वाले साधु संत विवाद कर रहे हैं। साधु संतों के बीच विवाद तो सिंहस्थ 2016 में भी जमकर हुए। इस दौरान साधु संतों ने कथित तौर पर एक दूसरे की पिटाई तक कर दी।

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