क़ुतुब मीनार किसका ? जानिए क्या बोली दिल्ली की साकेत कोर्ट
क़ुतुब मीनार किसका ? जानिए क्या बोली दिल्ली की साकेत कोर्ट
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नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार को लेकर हिंदुओं और जैनियों की याचिका पर गुरुवार को फैसला नहीं दिया है। अदालत का कहना है कि इस मामले में नए सिरे से एक याचिका दायर की गई है, अदालत इसे देखेगी और फिर सुनवाई करेगी। जिसके चलते आज इस मामले पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 24 मई को, कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अदालत में कहा था कि कुतुब मीनार परिसर के भीतर हिंदू प्रतिमाओं के अस्तित्व से इनकार नहीं किया जा सकता है। मगर यह एक विश्व धरोहर है जहां पूजा करने के मौलिक अधिकार का दावा नहीं किया जा सकता। अदालत ने मुकदमों पर ASI की आपत्तियों को रिकॉर्ड में लिया और कहा था कि वह 9 जून (गुरुवार) को अपना फैसला देगी। 

कोर्ट ने यह जानना चाहा था कि क्या याचिकाकर्ता पूजा के किसी कानूनी या मौलिक अधिकार का दावा कर सकते हैं। यह मानते हुए कि करीब 800 वर्ष पूर्व यहां 27 मंदिर मौजूद थे। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश निखिल चोपड़ा ने 24 मई को मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक, वकील हरि शंकर जैन से कहा था कि भगवान बीते 800 वर्षों से बिना पूजा के हैं, तो उन्हें वैसे ही रहने दीजिए।

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