बैंगलोर: कर्नाटक के उडुपी जिले में कुंडापुरा के सरकारी PU कॉलेज में हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने का मामला तूल पकड़ने के बाद कॉलेज प्रशासन ने मुस्लिम लड़कियों को एक अलग रूम में बैठने की इजाजत दी है। मगर, उन्हें कक्षा में प्रवेश तभी मिलेगा, जब वह हिजाब उतारकर कॉलेज के नियम के मुताबिक, यूनिफॉर्म में क्लास अटेंड करेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लंच के लिए हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर से बाहर आते हुए एक स्टूडेंट ने कहा कि, 'उच्च न्यायालय के आदेश तक हम अपना हिजाब नहीं हटाएँगे। प्रशासन हमें हिजाब पहनकर कक्षा में नहीं बैठने देंगे, इसलिए हम बाहर हॉल में बैठेंगे। हमारी क्लास नहीं चल रही हैं, इसलिए हम यहाँ केवल बैठे हुए हैं।'
"College Principal and faculty met us and asked if we want to go to classes by removing hijab, they also took our attendance," says another student. pic.twitter.com/SvPatoNQP8
— ANI (@ANI) February 7, 2022
वहीं, कॉलेज की एक अन्य छात्रा का कहना है कि, 'कॉलेज के प्रिंसिपल और फैकल्टी हमसे मिले और सवाल किया कि क्या हम हिजाब हटाकर क्लास में जाना चाहते हैं। उन्होंने हमारी अटेंडेंस भी ली।' इस बीच कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने हिजाब विवाद पर कहा कि, 'जो भी छात्रा यूनिफॉर्म ड्रेस कोड का पालन करने की इच्छुक नहीं हैं, वो कोई और विकल्प तलाशने के लिए स्वतंत्र हैं।' राज्य के शिक्षा मंत्री ने प्रेस वालों से आगे कहा कि जैसे सेना में नियमों का अनुपालन किया जाता है, उसी तरह शैक्षणिक संस्थानों में भी किया जाना चाहिए।
छात्राओं को कक्षा में बैठने के लिए ड्रेस कोड का पालन करना होगा। हमारी छात्राओं से आग्रह किया है कि वो सियासी दलों के लिए ‘टूल’ न बनें। दरअसल, कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने 5 फरवरी को पूरे राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सद्भाव और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़ों पर बैन लगाने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इसको लेकर कहा था कि सरकार ने इस मामले पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता महसूस की और एक सर्कुलर जारी किया। उन्होंने साथ ही यह भी स्पस्ट किया कि छात्राएँ हिजाब पहनकर स्कूल आ सकती हैं, मगर स्कूल या कॉलेज परिसर के अंदर उन्हें इसे अपने बैग में रखना होगा।
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