कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'मैं राहुल गांधी का गुरु नहीं हूं, मैं तो अपने बेटे का भी गुरु नहीं हूं.' एक कार्यक्रम के दौरान जब उनसे ये पूछा गया कि वो चुनावों के दौरान कहां थे? तो इस सवाल के जवाब में दिग्विजय ने कहा कि, 'मैं गर्दिश में था.' इसके बाद जब उनसे ये पूछा गया कि मोदी या शिवराज मध्यप्रदेश में किसे हराया? तो उन्होंने अपने जवाब में कहा कि, 'मैं किसी को हराता नहीं हूं, वे खुद ही हार जाते हैं. लोग मेरी कितनी भी आलोचना करें, मुझे लात मारें, मैं पलट कर ये ही पूछता हूं कि आपको चोट तो नहीं आई.'
इसके बाद जब मीडिया ने दिग्विजय से मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बारे में उन्होंने कहा कि, 'मैं 1985 में अध्यक्ष था, दोबारा एसपी से थानेदार नहीं बनूंगा. ' उन्होंने अपनी बातचीत के दौरान नर्मदा यात्रा पर कहा कि, 'मुझे ऐसी अनुभूति हुई थी कि नर्मदा यात्रा करनी चाहिए और तभी से मैं ये करना चाहता था.'
फिर दिग्विजय ने टिकट तय करने पर कहा कि जो 230 टिकट पार्टी ने तय किए वे सभी मैंने ही तय किए हैं. कमलनाथ मेरे अच्छे दोस्त हैं और ये ऐसे ही रहेंगे.मैं गांधीवादी हूं और भले ही ठाकुरों में जन्मा, लेकिन स्वभाव से बनिया हूं.'
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