मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने तीसरे बजट सत्र में जल प्रबंधन बोर्ड की घोषणा कर सकते हैं।इसके अलावा शिमला की तर्ज पर धर्मशाला, मनाली, सोलन और डलहौजी में जल क्लस्टर बनाने के लिए सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। भारत की राजधानी दिल्ली की तर्ज पर जयराम सरकार भी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने की एलान कर सकती है। इसके अलावा बोर्ड के पास हिमाचल के शहरी क्षेत्रों में जल प्रबंधन और सीवेज व्यवस्था का जिम्मा बोर्ड के पास रह सकता है । वर्तमान में शिमला नगर निगम के दायरे में जल प्रबंधन कंपनी काम कर रही है, जिसके हवाले शिमला शहर में पानी की आपूर्ति और सीवेज की देखरेख है।
इसके अलावा अब जयराम सरकार ने पहले चरण में अब शिमला की तर्ज पर धर्मशाला, मंडी, कुल्लू, मनाली, डलहौजी, सोलन शहरी निकाय में जल प्रबंधन बोर्ड बनाने की योजना बनाई है। वहीं इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। पर्यटन की दृष्टि से जिन शहरों में पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा रहती है, पहले उन्हीं में जल बोर्ड पानी की आपूर्ति और सीवेज की व्यवस्था को विकसित किया जा सकता है ।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की इसमें 50 से 100 साल तक की आबादी को ध्यान में रखकर पानी की व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी। उधर, शहरी विकास विभाग के निदेशक रामकुमार गौतम ने कहा कि धर्मशाला में सर्वे का काम पूरा हो गया है। शहरी निकायों में जल प्रबंधन व सीवेज व्यवस्था बेहतर करने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही पहले चरण में शिमला के बाद धर्मशाला और पांच अन्य शहरों में पानी की आपूर्ति व सीवेज लाइन का विस्तारीकरण किया जाएगा।
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