सीएम हेमंत सोरेन के साथ 21 दिनों पहले बीते 29 दिसंबर, 2019 को तीन मंत्रियों ने झारखंड सरकार में शपथ ली थी. लेकिन अब तक एक तरफ जहां इन मंत्रियों के मंत्रालय का बंटवारा तक नहीं हो पाया है, वहीं सीएम हेमंत अपने कैबिनेट का विस्तार भी नहीं कर पाए हैं. खरमास बीते भी पांच दिन हो गए लेकिन अब तक मंत्रिपरिषद के बारे में स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं है. सीएम के साथ शपथ लेने वाले कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव को भी अब तक किसी विभाग की जिम्मेवारी नहीं मिली है. राजद के सत्यानंद भोक्ता भी मंत्रालय के इंतजार में हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हेमंत मंत्रिमंडल 23 जनवरी तक अपने पूर्ण स्वरूप में आ जाएगा. कहा जा रहा है कि इस दिन झारखंड कैबिनेट का विस्तार होगा. इस दिन मंत्रिपरिषद के 8 मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही सभी मंत्रालयों की जिम्मेवारी बांटी जाएगी. सीएम हेमंत सोरेन अपने कैबिनेट पर अंतिम मुहर लगाने को रविवार को दिल्ली जा रहे हैं. इस क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नई दिल्ली में राष्ट्रपति से चैंपियन ऑफ चेंज पुरस्कार भी ग्रहण करेंगे.
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राजद को ग्रामीण विकास या फिर जल संसाधन विभाग दिया जा सकता है.सरकार के महत्वपूर्ण विभागों को लेकर दलों के अपने दावे भी निकलकर सामने आने लगे है. राजद को ग्रामीण विकास या फिर जल संसाधन विभाग दिया जा सकता है. कांग्रेस के खाते में ग्रामीण विकास विभाग, वित्त मंत्रालय ओर स्वास्थ्य विभाग जा सकता है. सड़क निर्माण विभाग जहां झामुमो के खाते में जा रहा है, वहीं भवन निर्माण विभाग कांग्रेस को दिया जा सकता है. गृह विभाग, कार्मिक विभाग, उद्योग विभाग, वाणिज्यकर और ऊर्जा विभाग झामुमो के हिस्से में रहेगा. बताया गया है कि झामुमो में मंत्रियों और विभागों को लेकर सबकुछ तय हो गया है.
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