मात्र 55 लाख में खरीदी 300 करोड़ की प्रॉपर्टी, कुछ इस तरह डी-गैंग कनेक्शन में फंसे नवाब मलिक!
मात्र 55 लाख में खरीदी 300 करोड़ की प्रॉपर्टी, कुछ इस तरह डी-गैंग कनेक्शन में फंसे नवाब मलिक!
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मुंबई: मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से जुड़े धन शोधन के एक केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को अरेस्ट कर लिया है. NCP नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रातः पूछताछ आरम्भ की थी. तत्पश्चात, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत ने मलिक को 8 दिन के लिए मतलब 3 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर भेजा है. यह पूरी घटना 300 करोड़ की संपत्ति से जुड़ी हुई है. इस मामले में नवाब मलिक (Nawab Malik) से लेकर, डी-गैंग (दाऊद इब्राहिम की गैंग) तथा दाऊद की बहन हसीना पारकर भी सम्मिलित है. आइए जानते है नवाब मलिक (Nawab Malik) पर किस मामले में शिकंजा कसा है.

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, मुनीरा प्लंबर (Munira Plumber) नाम की महिला की 300 करोड़ की प्रॉपर्टी डी-गैंग के माध्यम से नवाब मलिक (Nawab Malik) ने हड़प ली थी. इस प्रॉपर्टी को हड़पने के लिए सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Solidus Investments Pvt. Ltd.) नाम की कंपनी का उपयोग किया गया. इस कंपनी का स्वामित्व नवाब मलिक (Nawab Malik) के परिवार के पास था. कंपनी को हसीना पारकर (दाऊद की बहन) समेत डी-गैंग के कई मेंबर कंट्रोल करते थे. प्रवर्तन निदेशालय को दिए बयान में मुनीरा प्लम्बर ने बताया था कि मुंबई के कुर्ला में गोवाला कंपाउंड के रूप में जानी जाने वाली जगह पर उनका लगभग 3 एकड़ का प्लॉट था. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी सम्पति डी-गैंग के मेंबर सलीम पटेल ने किसी थर्ड पार्टी को बेच दी है. मुनीरा ने बताया था कि उन्होंने 18 जुलाई 2003 के पश्चात् प्रॉपर्टी के किराए को लेकर कोई हस्ताक्षर नहीं किए तथा ना ही उन्होंने प्रॉपर्टी किसी को बेची थी. इसके साथ ही मुनीरा ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया था कि सलीम पटेल ने उनकी प्रॉपर्टी से कब्जा खाली करवाने के नाम पर उनसे 5 लाख रुपए लिए थे. उन्होंने सलीम को प्रॉपर्टी बेचने के लिए कभी नहीं बोला. प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, मुनीरा ने बयान में कहा था कि सलीम ने अवैध तरीके से प्रॉपर्टी किसी तीसरे पक्ष को बेच दी. मुनीरा को पता चल गया था कि सलीम का कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से है. इसलिए उन्होंने उसके विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की. उन्हें डर था कि ऐसा करने पर उनके परिवार और उन्हें खतरा हो सकता है. वही मुनीरा ने प्रवर्तन निदेशालय को कहा था कि उन्हें प्रॉपर्टी की बिक्री के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स से 2021 में पता चला था. मुनीरा को सरकारी अफसरों की प्रॉपर्टी से जुड़ी चिट्ठी भी मिल रही थी. प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, दस्तावेज खंगालने पर उन्हें सरदार शाहवली खान नाम के व्यक्ति के बारे में पता चला. इसने जमीन बेचने में महत्वपूर्ण किरदार निभाया था. शाहवली खान 1993 के मुंबई बम विस्फोट के अपराधियों में से एक है. इस वक़्त वह टाडा और मकोका (TADA and MCOCA) के तहत औरंगाबाद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

इसके साथ ही शाहवली खान ने प्रवर्तन निदेशालय को कहा था कि जावेद चिकना के माध्यम से टाइगर मेमन (Tiger Memon) तथा हसीना पारकर (Haseena Parker) के कांटेक्ट में था. उसने बताया था कि सलीम पटेल हसीना पारकर का नजदीकी सहयोगी था तथा हसीना के सुरक्षाकर्मी एवं ड्राइवर के रूप में काम करता था. मुनीरा की प्रॉपर्टी के मामले में सलीम ने सभी फैसला हसीना के निर्देश पर लिए थे. शाहवली ने दावा किया कि प्रॉपर्टी की असली मालिक हसीना ही थी. प्रॉपर्टी से अवैध अतिक्रमण, अनियमित किराया भुगतान और कब्जे जैसे कई विवाद जुड़े हुए थे. जमीन माफिया भी इस प्रॉपर्टी पर नजर गड़ाए हुए थे. प्रवर्तन निदेशालय के पास 10 जनवरी 1995 को शाहवली खान के भाई रहमान ने नवाब मलिक (Nawab Malik) के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. मुनीरा प्लंबर ने उसे किराया वसूलने के लिए तैनात कर रखा था. इल्जाम है कि नवाब मलिक (Nawab Malik) गोवावाला कंपाउड के कुर्ला जनरल स्टोर नामक प्रॉपर्टी को हासिल करना चाहते थे. यह प्रॉपर्टी बंद थी. रहमान ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तत्पश्चात, नवाब मलिक (Nawab Malik) ने उन्हें धमकी दी थी. बाद में नवाब मलिक (Nawab Malik) ने अपने भाई असलम मलिक के माध्यम से इस प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया था. शाहवली खान ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया था कि नवाब मलिक (Nawab Malik) तथा हसीना पारकर दोनों प्रॉपर्टी के बड़े हिस्से को हथियाने का प्रयास कर रहे थे. कुछ धमकियां मिलने के पश्चात् मुनीरा प्रॉपर्टी से पूरी तरह से उदासीन हो गई थी. प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, इस मसले को सुलझाने के लिए नवाब मलिक (Nawab Malik), असलम मलिक तथा हसीना पारकर के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं. शाहवली खान का दावा है कि वह भी 2 मीटिंग्स में उपस्थित था. उनके बीच इस बात पर मंजूरी बनी थी कि सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स की लीज पर ली गई प्रॉपर्टी को सलीम पटेल को मिली पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से मालिकाना अधिकार में बदला जाएगा. जबकि हसीना पारकर बाकी प्रॉपर्टीज की मालकिन होगी. प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, नवाब मलिक (Nawab Malik) ने हसीना पारकर को 55 लाख रुपए नकद दिए थे.

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